एकेएस विश्वविद्यालय के डिप्लोमा सीमेंट के पूर्व छात्र का यूएई एशियन व्हाइट सीमेंट इंक में चयन। 13 लाख प्रतिवर्ष के वार्षिक पैकेज पर हुई है नियुक्ति।
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सतना। बुधवार। 18 जून। जो चाहते हो देखना मेरी उड़ान को जरा और ऊंचा करो आसमान को,किसी ने क्या खूब कहा है विपरीत परिस्थितियों में प्रतिभा के बीच प्रस्फुटित होते हैं। एकेएस विश्वविद्यालय के डिप्लोमा सीमेंट टेक्नोलॉजी के पूर्व छात्र सचिन रजक की कहानी भी ऐसे ही जीवट की निशानी है। जो किसी दिवास्वप्न से कम नहीं है। सचिन ने बताया की बचपन अभाव और गरीबी में बीता। मां कई घरों में कार्य करती थी तब चूल्हा जलता था। पिता ने कठोर मेहनत करके सचिन और परिवार को पाला। यूएई एशियन व्हाइट सीमेंट इंक में सचिन का चयन सपनों के सच होने जैसा है। इन्हें 13 लाख प्रतिवर्ष के वार्षिक पैकेज पर नियुक्ति मिली है। उन्हें सीसीआर ऑपरेटर प्रोसेस डिपार्टमेंट एशियन व्हाइट सीमेंट इंक ने चयनित किया है। जब सचिन 20 वर्ष के थे तो उन्होंने शारजाह कंपनी ज्वाइन की थी। उन्होंने मां की उनीदी आंखें,कई कुचले सपनोऔर पिता की कठोर जिंदगी को काफी करीब से देखा था। सचिन ने बताया कि विश्वविद्यालय में सीमेंट विभाग के मार्गदर्शन में प्रैक्टिकल जानकारी उपयोगी साबित हो रही है। उन्होंने बताया की प्रक्रिया विभाग में केंद्रीय नियंत्रण कक्ष उद्योगों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
केंद्रीय नियंत्रण कक्ष से संचालन की निगरानी और नियंत्रण करना। प्रक्रिया मापदंडों तापमान, दबाव आदि को सुनिश्चित करना। समस्याओं का निवारण करना और उत्पादन को अनुकूलित करना तथा सुचारू संचालन के लिए अन्य विभागों के साथ सहयोग करना भी शामिल है। सचिन याद करते हैं की विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर अनंत कुमार सोनी ने उनका और उनके परिवार का मार्गदर्शन और जीवन आगे बढ़ाने में गुणोत्तर मदद की। उन्होंने सचिन को सीमेंट टेक्नोलॉजी विभाग में प्रवेश दिलाया और नौकरी मिलने तक निरंतर उन्हें संबल और सहयोग दिया। सीमेंट टेक्नोलॉजी विभाग के डायरेक्टर प्रोफेसर जी.सी.मिश्रा,विभाग अध्यक्ष डॉ.एस.के.झा, फैकल्टी प्रियंका सिंह, ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट हेड बालेंद्र विश्वकर्मा ने सचिन रजक के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए शुभकामना दी है।सचिन की मां गुड़िया रजक गृहिणी हैं और पिता भगवानदीन रजक नौकरीपेशा हैं। मां और पिता सचिन रजक के निरंतर बढ़ते करियर ग्राफ से न सिर्फ उल्लासित है बल्कि वह विश्वविद्यालय परिवार के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। पुराने दिन अभी भी उनकी नजरों के सामने से घूमते हैं तो आंखें नम हो जाती है।उनके होनहार बेटे ने अब परिवार की जिम्मेदारी भी उठानी शुरू कर दी है और मां पिता के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए निरंतर कृत संकल्पित भी हैं। सचिन चाहते हैं कि उनकी मां का जीवन खुशियों से भरा रहे और पिता भी अब आराम करें। सचिन सीमेंट टेक्नोलॉजी में उच्चतम पदों तक पहुंचने के आकांक्षी हैं।
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