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“पालतू कुत्ते से करवाई काट – आरोपियों की अब कोर्ट में बात!”

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🐕 कुत्ते को भी बना लिया ‘गवाह’!

📅 दिनांक: 17 जून 2025
📍 बगीचा थाना, जिला जशपुर, छत्तीसगढ़


🟥 थाना परिसर बना ‘रिंग’, पुलिस बनी पहलवान!

बगीचा थाने में एक फरियादी अपनी मारपीट की शिकायत लेकर आया, लेकिन वहां जो हुआ वो किसी टीवी सीरियल की स्क्रिप्ट लगती है – बस कैमरा कम था!
फरियादी दीपक जयसवाल की शिकायत सुनने से पहले ही “हुसैन परिवार” का गुस्सैल दस्ता आ धमका और सीधे थाना परिसर को बना दिया WWE का अखाड़ा।


🟩 पुलिस से उलझना पड़ा भारी, कानून ने दिखाया असली ‘पंजा’

👉 जैसे ही दीपक जयसवाल अपनी बात कह रहा था, तभी पांच सदस्यीय ‘हुसैनी ब्रिगेड’ – तीन महिलाएं और दो पुरुष – थाने में घुसते ही फरियादी पर टूट पड़े।
👉 ड्यूटी पर तैनात आरक्षक धनेश्वर राम ने जब मामला शांत कराने की कोशिश की, तो आरोपियों ने उनको ही गिरा दिया।


🐶 अब आया असली ट्विस्ट – ‘पालतू कुत्ता ऑन ड्यूटी’!

👉 आरोपियों ने सिर्फ पुलिस से नहीं उलझे, उन्होंने तो अपने पालतू कुत्ते को भी इंस्ट्रक्शन दे डाला – “जा बेटा, काट खा इन्हें!”
👉 आदेश पाकर कुत्ता भी वफादारी निभा बैठा, और आरक्षक धनेश्वर राम की टांग पकड़ ली।
👉 घायल आरक्षक के साथ पुलिस का गुस्सा भी चरम पर पहुंच गया – मौके से आरोपी फरार हुए लेकिन…


🟥 फिर क्या था – रेड टीम एक्टिवेट!

👉 थाना प्रभारी संतलाल आयाम के नेतृत्व में बनी ‘स्पेशल रेड टीम’ ने सूरज निकलने से पहले ही सभी आरोपियों को वॉर्ड नंबर 7 से उठाकर सीधा कानून की चौखट पर खड़ा कर दिया।
👉 आरोपी –

  1. जाकिर हुसैन (55)
  2. सागिर हुसैन (22)
  3. रिजवाना खातून (42)
  4. सहेला खातून (23)
  5. सबीना खातून (25)
    👉 सभी मूलतः कोरिया कर्मा, थाना बरही, जिला हजारीबाग (झारखण्ड) के निवासी हैं, वर्तमान में बगीचा वार्ड नंबर 07 में रह रहे थे।

📜 बीएनएस की धाराएं भी बोल उठीं – ‘ओ भाई, ये तो हद हो गई!’

👉 आरोपियों पर दर्ज धाराएं: 296, 351(2), 118(1), 191(2), 132
👉 मामला दर्ज कर तत्काल विवेचना में लिया गया।


🟦 वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शशि मोहन सिंह ने कहा:

“थाने में गुंडागर्दी? और वो भी कुत्ते से पुलिसवाले को कटवाना?
अब कानून ही ‘भौंक’ नहीं रहा, सीधे काटेगा!”


🔹 जिनकी अहम भूमिका रही:

थाना प्रभारी संतलाल आयाम, एएसआई उमेश प्रभाकर, एएसआई नरेश मिंज, बैजंती किंडो, प्रधान आरक्षक लक्ष्मण सिंह, आरक्षक विनोद यादव –
सभी ने पुलिस की साख पर कुत्ते की छाया तक न पड़ने दी!


📌 सीख:

थाना है, ‘थियेटर’ नहीं।
और पुलिस वाले हैं, घायल होने वाले नहीं – घायल करने वाले भी बन सकते हैं (कानूनन)!


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