⚡कृषि विज्ञान केन्द्र मझगवां एवं गनीवां तथा जन शिक्षण संस्थान में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम⚡विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 11 महिलाओं एवं 3 नमो ड्रोन दीदी को किया गया सम्मानित⚡केवीके में ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं द्वारा पलास के फूलों से तैयार हर्वल गुलाल को मंत्री बागरी एवं कलेक्टर सतना सहित सभी अतिथियों को किया वितरण
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चित्रकूट-मझगवां/ दीनदयाल शोध संस्थान कृषि विज्ञान केन्द्र, मझगवां, सतना में शनिवार 8 मार्च 2025 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अभय महाजन, संगठन सचिव दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा की गयी। मुख्य अतिथि श्रीमती प्रतिभा बागरी राज्य मंत्री नगरीय विकास एवं आवास मध्यप्रदेश, डॉ. सतीश कुमार एस कलेक्टर सतना, विशिष्ट अतिथि श्रीमती ममता पाण्डेय पूर्व महापौर सतना, श्रीमती विमला पाण्डेय पूर्व महापौर सतना, श्रीमती सुष्मिता सिंह परिहार जिला पंचायत उपाध्यक्ष सतना, श्रीमती रेणुका जायसवाल जनपद पंचायत अध्यक्ष मझगवां, श्रीमती सरोज यादव समाज शिल्पी दंपति दीनदयाल शोध संस्थान, सौरभ सिंह जिला समन्वयक महिला बाल विकास सतना, राजेश मौर्या क्षेत्रीय प्रबंधक इफको सतना एवं जिले की 248 प्रगतिशील महिलाओं की सहभागिता रही।


कार्यक्रम का शुभारम्भ भारतमाता, भारत रत्न नानाजी देखमुख एवं पं. दीनदयाल जी की मूर्ति पर दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इस कार्यक्रम की रूपरेखा केन्द्र के प्रभारी डॉ अखिलेश कुमार जागरे द्वारा रखी गयी। कार्यक्रम प्रभारी डॉ हेमराज द्विवेदी ने संस्थान द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण, स्वावलंबन, आत्मनिर्भरता, स्वास्थ्य, जागरूकता एवं पोषण के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यो की विस्तृत जानकारी साझा की। राजेश मौर्या क्षेत्रीय प्रबंधक इफको द्वारा सतना जिले में नमो ड्रोन दीदी योजना के साथ साथ महिला स्वावलंबन की विस्तृत जानकारी दी गयी। श्रीमती ममता पाण्डेय ने बताया कि महिलाओं को सशक्त होने के लिए घर से बाहर आना होगा और खुद स्वस्थ्य रहना होगा उसके लिए संतुलित आहार का सेवन करे। श्रीमती विमला पाण्डेय ने कहा कि यह कार्यक्रम सिर्फ आज ही नही हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि महिलाओ का सम्मान हमेशा होना चाहिए, यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः शब्द से संबोधित किया। श्रीमती सुष्मिता सिंह परिहार ने बताया कि हम सभी महिलाये प्रताड़ना से गुजरी हैं साथ ही हमें सब को मिल कर आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनने की ओर अग्रसर होना चाहिए तभी महिला दिवस साकार होगा। श्रीमती रेणुका जायसवाल ने बोला कि दीनदयाल शोध संस्थान महिलाओं के समग्र उत्थान हेतु कार्य कर रहा है।

डॉ. सतीश कुमार एस कलेक्टर सतना ने महिलाओं के स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर विशेष बल देते हुए दीनदयाल शोध संस्थान व महिला बाल विकास विभाग के कार्यो की सराहना की। मध्यप्रदेश की राज्य मंत्री, नगरीय विकास एवं आवास श्रीमती प्रतिभा बागरी ने कहा कि भारत रत्न नानाजी देखमुख की परिकल्पना को साकार रूप देने हेतु हम सभी महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन की दिशा में अग्रसर होकर कार्य करेगे तभी राष्ट्र का विकास होगा। महिलाओं को पुरूषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए। अभय महाजन संगठन सचिव दीनदयाल शोध संस्थान ने कहा कि महिलाओं को एकजुट होकर आगे आना चाहिए, महिला सशक्तिकरण के अनुसार महिलाओं के निर्णय लेने की शक्ति से राष्ट्र का विकास होगा और साथ ही आर्थिक व्यवस्था में भी सुधार होगा। सामाजिक कार्यों में महिलाओं का नेतृत्व करना चाहिए। हमारी संस्कृति में महिलाओं का बहुत सम्मान किया जाता है। हम देवी के रूप में नारी को पूजते हैं। लक्ष्मी, दुर्गा और सरस्वती क्रमशः धन, शक्ति और बुद्धि की देवी हैं। महिला–पुरुष में किसी भी प्रकार का भेद भाव नही किया जाना चाहिए तभी समाज, गाँव, प्रदेश एवं राष्ट्र का विकास संभव है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पोषण वाटिका, एनीमिया दूर करने, महिला सशक्तिकरण, बच्चों को एन. आर. सी. में भर्ती कराने, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, कृषि, पशुपालन एवं कृत्रिम गर्भाधान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 11 महिलाओं – जाना सिंह, पूना सिंह, सरोज सिंगरौल, पूनम तिवारी, शीला कुशवाहा, उमा प्रजापति, विमल कुशवाहा, शशि गौतम, सुखरानी, सुरेंदा सिंह एवं विनीत अहिरवार तथा इफको सतना द्वारा 3 नमो ड्रोन दीदी निधि सिंह ग्राम डेगरहट, बंदना यादव ग्राम चितहरा, निधि सिंह ग्राम अमिरिती को प्रशस्ति पत्र ददेकर सम्मानित किया। इस अवसर पर केवीके की गृह विज्ञान इकाई में गृह वैज्ञानिक हेमराज द्विवेदी के निर्देशन में ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं द्वारा पलास के फूलों से तैयार हर्वल गुलाल की पैकिंग मंत्री बागरी एवं कलेक्टर सतना सहित सभी अतिथियों को प्रदान की गई। कृषि विज्ञान केन्द्र से श्री पुष्पेन्द्र सिंह गुर्जर, पंकज शर्मा, अशोक शर्मा, राम प्रकाश पाण्डेय, अरविन्द सिंह, रीता सिंह, अभिषेक गौतम, पुनीत गौतम, सुरेन्द्र पयासी का सराहनीय सहयोग रहा ।
वहीं एक अन्य कार्यक्रम में दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा संचालित एवं कौशल विकास उद्यमिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित जन शिक्षण संस्थान चित्रकूट में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम का आयोजन इस वर्ष की थीम सभी महिलाओं के लिए “कार्रवाई में तेज़ी लाना” (शिक्षा, रोजगार एवं नेतृत्व क्षमता का विकास, लैंगिक समानता में तेजी से प्रगति की ओर अग्रसर) के आधार पर किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ भाजपा नेत्री एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती रंजना उपाध्याय, श्रीमती बबिता सिंह प्रबन्ध मण्डल सदस्य, श्रीमती प्रतिभा जायसवाल वनवासी कल्याण केंद्र, अनुदेशक कल्पना चौरसिया एवं अनिल कुमार सिंह निदेशक जन शिक्षण संस्थान द्वारा दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण द्वारा किया गया।


अनिल कुमार सिंह ने कहा कि एक शिक्षित, स्वतंत्र और आत्मनिर्भर महिला केवल अपना ही नहीं, बल्कि पूरे समाज का भविष्य संवारती है। महिलाओं का सम्मान करें, उनका साथ दें क्योंकि यदि हम एक बालक को पढ़ाएंगे तो एक ही व्यक्ति शिक्षित होगा लेकिन बालिका को शिक्षित करने से पूरा परिवार शिक्षित होगा। हमारा ध्येय बालिकाओं एवं महिलाओं को कौशल विकास के ज़रिए आत्मनिर्भर बनाना उन्हें समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सशक्त बनाना है।
बबिता सिंह ने अपने उद्बोधन में बताया कि महिलाओ को नैतिक एवं सामाजिक मूल्यों का संवर्धन करने के साथ-साथ, संस्कारवान, समर्पण प्रेम का समावेश कर अपने नारायणी स्वरूप को प्रस्तुत करना होगा। श्रीमती प्रीति जायसवाल द्वारा बताया गया कि पोषण, सुरक्षा, प्यार, शिक्षा, स्वावलंबन एवं आत्मसम्मान सभी का अधिकार है। कल्पना चौरसिया ने कहा कि समाज के सभी लोगों के सकारात्मक सोच एवं उनके प्रेरक प्रयासों से ही नारी सम्मान और गौरव को बढ़ाया जा सकता है।
श्रीमती रंजना उपाध्याय ने बताया कि जीवन की कला को अपने हाँथों से साकार कर नारी ने सभ्यता और संस्कृति का रूप निखारा है, नारी का अस्तित्त्व ही सुंदर जीवन का आधार है। धैर्य, अनुशासन एवं एकाग्रता ही तीन गुण हैं जो हमारे अभेद लक्ष्य को साध सकते है। कार्यक्रम का संचालन बनारसीलाल पाण्डेय द्वारा किया गया। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन प्रभाकर मिश्र ने किया। कार्यक्रम में जेएसएस के अजय पांडेय, सुघर सिंह सहित लगभग 150 महिलाओं ने सहभागिता की।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर ही चित्रकूट जनपद के ग्राम रामपुरवा में कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा संचालित योजना जलवायु समुथानशील कृषि पर राष्ट्रीय नवाचार परियोजना के अंतर्गत महिला सशक्ति शिक्षा स्वालंबन एवं रोजगार की प्रेरणा हेतु इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से ग्राम की प्रमुख महिलाएं श्रीमती सावित्री यादव, श्रीमती सगुनिया, श्रीमती शांति, श्रीमती गुलाबाई, श्रीमती कैलासिया एवं श्रीमती मुन्नी मंचासीन रही। इनके साथ विलेज क्लाइमेट रिस्क मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष एवं सचिव श्री राम लखन जी एवं श्री नवीन तिवारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में उपस्थित किशोरी बालिकाओं सुश्री अंजलि, राधा, राजरानी ने सरस्वती वंदना के साथ उपस्थित मंच एवं ग्राम वासियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के संयोजक डा सतीश पाठक वरिष्ठ शोध अध्येता निकरा परियोजना ने कार्यक्रम की प्रारंभिक रूपरेखा बताते हुए कृषि में महिलाओं के योगदान की विस्तृत व्याख्या की। इसके साथ मंच पर विराजमान सचिव श्री नवीन तिवारी ने मातृशक्ति को प्रणाम करते हुए कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की समझ एवं नवीन तकनीकी नवाचार को अपनाकर कृषि से आय वृद्धि करने की कला के बारे में बताया साथ ही कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र से जुड़कर नवीन तकनीकी से माध्यम से हम सभी को फायदा हुआ है। उसके पश्चात केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ मनोज शर्मा के द्वारा महिलाओं के समाज में स्थान एवं उनके द्वारा करणीय कार्यों से समाज की उन्नति एवं प्रगति की व्याख्या का उल्लेख करते हुए नवीन पीढ़ी की शिक्षा के साथ कृषिगत शिक्षा की ओर बढ़ने का विचार रखा।

कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ राजेंद्र सिंह नेगी ने मातृशक्ति को आज के कार्यक्रम में अत्यधिक संख्या में सहभाग करने एवं अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा नारी ही नारायणी है, इस शब्द की विस्तृत व्याख्या करते हुए कृषि के क्षेत्र में महिलाओं के अथक प्रयास उपज के भंडारण प्रसंस्करण एवं परिवार के भरण पोषण हेतु पूरे वर्ष भर उसे उत्पादन को खाद्य के रूप में परिवर्तित करने की अद्वितीय कला का उल्लेख किया। इस कार्यक्रम में ग्राम में उपस्थित बहन राजरानी, अंजलि, श्रीमती सगुनिया श्रीमती मीना, श्रीमती दुनिया श्रीमती सुनैना ने महिला सशक्तिकरण में महिलाओं की भूमिका एवं बच्चियों की उच्च शिक्षा के मानक स्थापित करने में पूर्ण सहयोग करने के आश्वासन दिए साथ ही सामाजिक ताना-बाना, संस्कार व्यवस्था के साथ समाज के अग्रिम पंक्ति में अपना स्थान सुनिश्चित करने की बात कही।

इस कार्यक्रम में कार्यक्रम के संचालक, कृषि प्रसार वैज्ञानिक उत्तम कुमार त्रिपाठी ने कहा “फूल नहीं चिंगारी है यह भारत की नारी है” इन्हीं शब्दों के साथ किसी भी समाज, परिवेश, राज्य, देश की पहचान उसके इतिहास से होती है। इतिहास में किए गए कार्य आपका वर्तमान सुनिश्चित करते हैं। कार्यक्रम के अंत में डॉ राजेंद्र सिंह नेगी के द्वारा इस कार्यक्रम में साहस का प्रतीक बनी जिन्होंने पूर्ण आत्मविश्वास, साहस का परिचायक छः बहनों को पुरस्कृत कर सम्मानित किया साथ ही स्वल्पाहार स्वरूप मिष्ठान वितरण एवं गृह वाटिका हेतु सब्जी पौध का वितरण किया गया। कार्यक्रम के अंत में समिति के अध्यक्ष श्री राम लखन के द्वारा महिलाओं को एवं आगंतुकों को आज के इस सफल कार्यक्रम के लिए आभार व्यक्त किया गया। इस कार्यक्रम में ग्राम रामपुरवा, बैहार, डुवहां, पहरा, गुलाबपुरवा टिटिहरा से लगभग 120 महिलाओं एवं पुरुषों ने सहभाग किया।
