मध्यप्रदेश में कांग्रेस पटरी पर लौटी, बीजेपी को हर मोर्चे पर मिल रही चुनौती
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एक साल पहले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में पराजय हासिल करने वाली कांग्रेस की दशा और दिशा तेज़ी से बदल रही है। छोटे छोटे प्रदर्शनों से लेकर बड़ी बड़ी रैलियाँ और इन रैलियों में जुटती लाखों की भीड़ कांग्रेस के लिए सुखद संकेत है। राहुल गांधी ने जिस विजन के साथ युवा जीतू पटवारी को पार्टी की कमान सौंपी थी, वह विजन मध्यप्रदेश में कांग्रेस को सड़कों पर उतारने में कामयाब हुआ है। अब कांग्रेस जमीन पर दिखने लगी है।
संगठन मजबूती की तरफ-
▪️ मध्यप्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी के गठन और फिर सभी पदाधिकारियों को जिलों/विभागों के प्रभार से संगठन में कसावट बढ़ी है।
▪️ प्रदेश कार्यकारिणी की नियमित प्रदेश स्तरीय बैठक से कुशल रणनीति के साथ संगठन की सभी इकाइयों में सक्रियता दिखने लगी है।
▪️ मध्यप्रदेश में वरिष्ठ नेताओं के अनुभव एवं युवाओं की ऊर्जा को एक साथ जोड़कर पार्टी में जोश और होश का प्रयोग कामयाब होता नज़र आ रहा है।
▪️ प्रदेश, जिला एवं ब्लॉक स्तर पर लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए जा रहे हैं। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बीजेपी पर नकेल कस दी है।
▪️ एआईसीसी भी मध्यप्रदेश कांग्रेस के रिपोर्ट कार्ड से गदगद है। इंदौर के महू में राहुल गांधी के कार्यक्रम की ऐतिहासिक सफलता ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की मज़बूत वापसी की नींव रख दी है।
▪️ कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता संगठन को मज़बूत करने और युवाओं को आगे लाकर कांग्रेस की नेतृत्व क्षमता के विस्तार में सहयोग कर रहे हैं।
दौरों/यात्राओं से कांग्रेस में मजबूती-
▪️ मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमान संभालने के बाद युवा प्रदेश अध्यक्ष का पहला साल कार्यकर्ताओं के लिए संघर्ष की मिसाल बन गया है।
▪️ प्रदेश अध्यक्ष के नाते जीतू पटवारी ने अपने पहले साल में ही प्रदेश का चप्पा चप्पा छान मारा है। हर जिले और हर संभाग तक प्रदेश अध्यक्ष के पहुँचने से संगठन और कार्यकर्ताओं में जोश भर गया है।
▪️ मध्यप्रदेश में कांग्रेस अब फुल टाइम यात्रा/सभा मोड में काम कर रही है। कांग्रेस के सभी नेता अधिक से अधिक स्थानीय कार्यक्रम करने के साथ-साथ प्रदेश स्तरीय कार्यक्रमों में भी शामिल हो रहे हैं।
एकजुटता पहली प्राथमिकता-
▪️ मध्यप्रदेश कांग्रेस इस समय एकजुटता के साथ आपसी समन्वय और सामंजस्य को प्राथमिकता देती दिख रही है।
▪️प्रदेश स्तर से सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को संगठित होकर काम करने का संदेश दिया जा रहा है। सभी पदाधिकारियों को अपनी व्यक्तिगत पसंद नापसंद को दरकिनार कर कांग्रेस पार्टी के लिए काम करने की ज़रूरत पर पार्टी का खास फोकस है।
▪️ मध्यप्रदेश कांग्रेस की इस पॉजिटिव एप्रोच में जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बल दिया है, वहीं राजनीतिक गलियारों में इसे कांग्रेस के मज़बूत भविष्य की झलक के तौर पर देखा जा रहा है।
कुल मिलाकर मध्यप्रदेश में कांग्रेस अब नये कलेवर और नये फ़्लेवर में नज़र आने लगी है। कांग्रेस का संगठन बूथ और पंचायत की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। सक्रिय लोगों की पहचान कर उन्हें सामने लाने की कवायद की जा रही है। निराशा, नकारात्मकता और नाराजगी के दौर से कांग्रेस बाहर आने में कामयाब हो चुकी है। राहुल गांधी की दूरदर्शिता मध्यप्रदेश कांग्रेस के लिए संजीवनी साबित हुई है।