“9 साल बाद टूटा प्यार का फरेब! दो बच्चों की मां को पति ने यूं छोड़ा बेसहारा!”
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धोखे का प्रेम: शादीशुदा पति ने 9 साल बाद पत्नी और बच्चों को छोड़ा
कापू (धरमजयगढ़)। प्रेम और विश्वास के रिश्ते को छलने वाला एक दर्दनाक मामला कापू थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहाँ एक महिला ने प्रेम-विवाह के नाम पर हुए विश्वासघात को उजागर करते हुए न्याय की गुहार लगाई है। यह घटना न केवल एक महिला की व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि जब प्रेम और विवाह जैसे पवित्र रिश्तों में धोखा और छल आ जाए, तो उसका असर कितना व्यापक और दर्दनाक हो सकता है।

प्रेम विवाह का दर्दनाक अंत: पति निकला पहले से शादीशुदा
पीड़िता लक्ष्मी महंत, निवासी पनिकापारा, थाना कापू, ने बताया कि वर्ष 2016 में उसकी पहचान शिवरीनारायण (जिला जांजगीर-चांपा) निवासी हरीश कुमार चौहान से हुई। दोनों के बीच प्रेम संबंध बना और फिर परस्पर सहमति से विवाह किया गया। विवाह के बाद उनके दो बच्चे हुए—एक बेटा और एक बेटी। कुछ वर्षों तक परिवार सामान्य जीवन व्यतीत करता रहा, लेकिन नियति को कुछ और ही मंज़ूर था। लक्ष्मी के अनुसार, एक दिन हरीश अचानक घर छोड़कर चला गया और फिर लौटकर नहीं आया। जब उसने अपने पति की तलाश में शिवरीनारायण जाकर सच्चाई जाननी चाही, तो एक बड़ा झटका उसे तब लगा जब पता चला कि हरीश पहले से शादीशुदा है और उसका एक और परिवार पहले से ही मौजूद है।
ससुराल पक्ष का तिरस्कार और पुलिस से न्याय की गुहार
लक्ष्मी ने बताया कि इस धोखे की सच्चाई सामने आने के बाद ससुराल पक्ष ने उसे तिरस्कार और अपमानित भी किया। इससे आहत होकर वह अपने बच्चों को लेकर मायके लौट आई। उसने पहले कापू थाना में शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। बाद में उसने पुलिस अधीक्षक कार्यालय रायगढ़ में आवेदन भी प्रस्तुत किया, लेकिन आज दिनांक तक कोई न्याय नहीं मिला।
पीड़िता का दर्दनाक बयान: “मेरा जीवन बरबाद कर दिया”
पीड़िता लक्ष्मी महंत ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा, “मैं कई महीनों से थाने और एसपी ऑफिस के चक्कर काट रही हूँ, लेकिन कहीं से भी मदद नहीं मिल रही है। ना ही मेरी शिकायत पर FIR हुई और ना ही कोई जांच अधिकारी आकर पूछताछ कर रहा है। मैं चाहती हूँ कि उस व्यक्ति पर कठोर कानूनी कार्रवाई हो जिसने मेरे जीवन को बरबाद किया और मेरे बच्चों का भविष्य अंधकारमय कर दिया।” लक्ष्मी की यह लड़ाई अब केवल एक पत्नी की नहीं, बल्कि समाज में चेतना और न्याय के लिए एक प्रतीक बन चुकी है।
पुलिस-प्रशासन की निष्क्रियता पर उठे गंभीर सवाल
कई महीनों से पीड़िता की शिकायतें अनसुनी की जा रही हैं। न तो थाना कापू ने अब तक FIR दर्ज की है और न ही महिला थाना या SP कार्यालय से कोई ठोस कार्रवाई हुई है। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़िमी है कि आखिर महिला सुरक्षा और न्याय के वादे ज़मीनी स्तर पर क्यों विफल हो रहे हैं?


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