79वें स्वतंत्रता दिवस पर एकेएस विश्वविद्यालय में देशभक्ति और शिक्षा का अद्वितीय संगम।
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कुलाधिपति बी.पी. सोनी और कुलपति प्रो. बी.ए. चोपडे ने युवाओं को राष्ट्रनिर्माण का संदेश दिया।
सतना, 15 अगस्त 2025। जब पूरा भारत तिरंगे के रंग में रंगकर अपनी आज़ादी के 79 गौरवशाली वर्षों का उत्सव मना रहा था, उसी समय एकेएस विश्वविद्यालय, सतना के परिसर में भी देशभक्ति और शिक्षा का अनूठा संगम देखने को मिला। स्वतंत्रता दिवस का यह दिन केवल एक ऐतिहासिक स्मृति नहीं, बल्कि आज के भारत के सामर्थ्य, एकता और संकल्प का प्रतीक है और इसी भाव को विश्वविद्यालय ने भव्य समारोह के माध्यम से जीवंत किया। मुख्य अतिथि एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री बी.पी.सोनी जी ने राष्ट्रध्वज फहराया उन्होने कहा की दुर्भाग्य से यदि परमाणु युद्ध होता है तो पृथ्वी के समस्त जीव जंतु मानव समाप्त हो जाएंगे फिर नए सिरे से वर्तमान सभ्यता आने में लाखों वर्ष लगेंगे उन्होंने परमाणु युद्ध की विभीषिका से दुनिया को बचाने के लिए एक नई विचारधारा शक्तिशाली संप्रभुता संपन्न जनतांत्रिक लोक कल्याणकारी एवं प्रगतिशील विश्व सरकार की अवधारणा को समय की जरूरत निरूपित किया । उन्होंने कहा की 20000 परमाणु बम, हाइड्रोजन बम, कई लाख टन रासायनिक हथियारों और जैविक हथियारों से पृथ्वी घिरी है। एक से बढ़कर एक खतरनाक हथियारों की खोज चालू है हथियारों की होड़ बड़ी तेज है। युद्ध की धमकी देना, बर्बाद करने की धमकी देना कभी भी अमल में लाया जा सकता है । कोई राष्ट्र प्रमुख यदि चाहे ले और परमाणु बम का प्रयोग हो जाता है तो 5 मिनट में पृथ्वी में आग लग जाएगी कोई जीव जंतु मानव ना बचेगा युद्ध आरंभ होने के बाद कोई दर्शक ना बचेगा। कोई सोचने वाला ना बचेगा। अभी समय है वह बुद्धिजीवी सोचें । आज सबसे कारगर उपाय है विश्व सरकार। तिरंगे की फहराती छटा,राष्ट्रगान की गूंज और जोशीले नारों से गूंज रहे समारोह का संचालन श्री सूर्यनाथ सिंह गहरवार ने किया। श्री रावेंद्र सिंह परिहार के निर्देशन में स्वयंसेवकों की सुसंगठित परेड और सैल्यूट ने पूरे माहौल को गौरव और सम्मान से भर दिया।
इस अवसर पर खेल और सामाजिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। उत्कृष्ट स्वयंसेवकों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए, वहीं महिला विकास प्रकोष्ठ की निदेशक सुश्री प्रियंका बागरी ने छात्राओं की उपलब्धियों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया।
कुलपति प्रो. बी.ए. चोपडे ने अपने संबोधन में कहा कि स्वतंत्रता दिवस केवल तिरंगा फहराने का दिन नहीं, बल्कि यह युवाओं को राष्ट्रहित में अपने ज्ञान, कौशल और नवाचार का योगदान देने की प्रेरणा देता है। कुलाधिपति श्री बी.पी. सोनी ने कहा कि 15 अगस्त, भारत की आत्मा और गौरव का प्रतीक है, और आज की पीढ़ी को शिक्षा और शोध के माध्यम से देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना होगा।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने समारोह को और अधिक भावपूर्ण बना दिया। डॉ. दीपक मिश्रा के निर्देशन में संस्कृति सोनी का “ए मेरे वतन के लोगों” गायन, स्नेहा एवं समूह की देशभक्ति प्रस्तुति, आकाश एवं समूह तथा अंकित एवं श्रुति का नृत्य, अनुपमा पटनहा की कविता और तृप्ति द्विवेदी का नृत्य ने सभी को भावविभोर कर दिया।
समारोह का समापन राष्ट्र की अखंडता, प्रगति और समृद्धि के लिए सामूहिक संकल्प और “भारत माता की जय” के गगनभेदी नारों के साथ हुआ—जो स्वतंत्रता दिवस के राष्ट्रीय उत्साह के साथ कदम से कदम मिलाता नज़र आया।इस कार्यक्रम में प्राध्यापक, अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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