धरमजयगढ़ में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन : जयघोष, नृत्य और भक्ति से सराबोर हुआ नगर
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धरमजयगढ़। गणेशोत्सव का समापन रविवार को श्रद्धा और उत्साह के साथ हुआ। विसर्जन यात्रा के दौरान नगर की सड़कों पर भक्ति और उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिला। जगह-जगह से निकली गणेश प्रतिमाओं की शोभायात्राएँ कतारबद्ध आगे बढ़ीं, जिनमें विशालकाय प्रतिमाओं से लेकर आकर्षक झाँकियाँ और सजावट लोगों का मन मोह ले रही थीं।
डीजे की थाप, ढोल-नगाड़ों की गूंज और पारंपरिक कर्मा नृत्य की लय पर श्रद्धालु झूमते-थिरकते नजर आए। हर गली-मोहल्ले से गूंजते “गणपति बप्पा मोरया” के जयघोष ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। श्रद्धालुओं ने गाते-बजाते और नाचते-गाते बप्पा को विदाई दी।
विसर्जन मार्ग पर नगरवासियों ने जगह-जगह स्वागत द्वार और जलपान-प्रसाद की व्यवस्था की। रंग-बिरंगी रोशनी और सजावट से पूरा नगर उत्सवमय हो उठा। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी भक्तिमय माहौल में डूबे नजर आए।
विसर्जन स्थल पर सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद रहा। पुलिस व स्वयंसेवकों ने शोभायात्रा को सुव्यवस्थित ढंग से आगे बढ़ाया। श्रद्धालुओं ने गणेश जी से सुख-समृद्धि और मंगलकामनाओं की प्रार्थना करते हुए प्रतिमाओं को जल में विसर्जित किया।
कुल मिलाकर धरमजयगढ़ का गणेशोत्सव भव्यता और आस्था के साथ सम्पन्न हुआ, जिसकी स्मृतियाँ नगरवासियों के लिए लंबे समय तक यादगार रहेंगी।
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