समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 15 सितम्बर से 10 अक्टूबर तक होगा किसानों का पंजीयन
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सिवनी/ किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलाने एवं बिचौलियों व दलालों के शोषण से बचाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के इंतजाम किये जा रहे है। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के लिए 15 सितम्बर से 10 अक्टूबर 2025 तक किसानो का पंजीयन किया जाएगा।

जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के लिए किसानो का पंजीयन आगामी 15 सितम्बर से प्रारंभ किया जाएगा। पंजीयन का कार्य 10 अक्टूबर 2025 तक किया जाएगा। किसान ग्राम पंचायत, जनपंद पंचायत एवं तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केंद्र तथा सहकारी समितियों द्वारा संचालित पंजीयन केंद्र पर नि:शुल्क पंजीयन करा सकते है। किसान एमपी ऑनलाईन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेंटर कियोस्क, लोक सेवा केंद्र एवं निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साईबर कैफे पर भी निर्धारित शुल्क जमा कर अपना पंजीयन करा सकते है। इनमें भी प्रति पंजीयन 50 रुपये से अधिक का शुल्क नही लिया जाएगा।

सिकमी, बटाईदार एवं वन पट्टाधारी किसान भी अपना पंजीयन करा सकते है। ऐसे किसानो का पंजीयन सहकारी समितियों द्वारा संचालित पंजीयन केंद्र पर ही किया जा सकेगा। ऐसे किसानो को पंजीयन के लिए आधार, आधार नम्बर से लिंक मोबाईल नम्बर तथा निर्धारित प्रारूप में सिकमीनामा लेकर आना होगा। सिकमीनामें की प्रति ई-उपार्जन पोर्टल पर ऑपरेटर द्वारा स्कैन कर अपलोड की जाएगी, इसके उपरांत ही पंजीयन की कार्यवाही पूर्ण होगी।

पंजीयन के लिए किसान को भूमि संबंधी दस्तावेज, आधार नम्बर, आधार नम्बर से लिंक मोबाईल नम्बर एवं आधार नम्बर से लिंक बैंक खाते की आईएफएससी कोड सहित जानकारी उपलब्ध कराना होगा। जनधन, अक्रियाशील, संयुक्त बैंक खाते एवं फिनो, एयरटेल, पेटीएम बैंक खाते पंजीयन में मान्य नहीं किये जाएंगे।
किसान का पंजीयन कराने और फसल बेचने के लिए आधार नम्बर का सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाएगा। सत्यापन आधार नम्बर से लिंक मोबाईल नम्बर पर प्राप्त ओटीपी या बायोमेट्रिक डिवाईस से किया जाएगा। किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा जब किसान के भू-अभिलेख के खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। भू-अभिलेख और आधार कार्ड में दर्ज नाम में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा। ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानो के रकबे, फसल एवं फसल की किस्म का सत्यापन राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। वन पट्टाधारी किसानो के रकबे एवं फसल का सत्यापन वन विभाग के अमले द्वारा किया जाएगा।
उद्घोष समय न्यूज
जिला ब्यूरो
कैलाश लाहोरी
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