September 3, 2025

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⚡तुलसी जयंती पर संत मोरारी बापू एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केवी के गनीवां परिसर में गोस्वामी तुलसीदास जी की प्रतिमा का किया अनावरण

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⚡हाथ में मोरपंखी लेकर ताम्रपत्र पर लिखते हुए लगभग साढे़ छह फीट की जीवंत स्वरूप में तुलसीदास जी की प्रतिमा स्थापित

⚡समाज और सरकार मिलकर काम करती है तो साकार परिणाम सामने आते हैं , दीनदयाल शोध संस्थान का यह आयोजन इसका जीता जागता उदाहरण – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

चित्रकूट/ दीनदयाल शोध संस्थान, कृषि विज्ञान केन्द्र गनीवां में गोस्वामी तुलसीदास जी जयंती श्रावण मास शुक्ल पक्ष सप्तमी के अवसर पर तुलसीदास परिसर कृषि विज्ञान केंद्र गनीवां में पूज्यपाद गोस्वामी तुलसीदास जी की प्रतिमा का अनावरण मानस मर्मज्ञ पूज्य संत मोरारी बापू एवं मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश श्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक, जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, कृषि मंत्री श्री सूर्यप्रताप शाही, चित्रकूट के प्रभारी मंत्री श्री मनोहर लाल कोरी, महामंडलेश्वर श्री संतोषाचार्य महाराज सतुआ बाबा, दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव श्री निखिल मुंडले, राष्ट्रीय संगठन सचिव श्री अभय महाजन प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। अपने निर्धारित समय अनुसार ठीक 12:05 पर मुख्यमंत्री का उड़न खटोला कृषि विज्ञान केन्द्र के हेलीपैड पर उतर गया। पूरे 1 घंटा 30 मिनट मुख्यमंत्री केवीके परिसर के कार्यक्रमों में उपस्थित रहे।

गनीवा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परमानंद आश्रम विद्यालय के बच्चों को चॉकलेट बांटी, मुख्यमंत्री ने बच्चों को चॉकलेट वितरित कर उनका मनोबल बढ़ाया। मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर बच्चों में खासा उत्साह देखने को मिला। उन्होंने बच्चों से संवाद कर उनका हालचाल भी जाना और शिक्षा के प्रति प्रेरित किया।

प्रतिमा अनावरण के उपरांत तुलसी परिसर में ही स्थित परमानन्द आश्रम पद्धति विद्यालय गनीवां में मुख्यमंत्री ने जन सभा को संबोधित किया। शुरुआत में दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव निखिल मुंडले द्वारा मुख्यमंत्री सहित मंचासीन सभी अतिथियों को तुलसीदास जी का विग्रह भेंटकर अभिनंदन किया गया।

अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रद्धेय नाना जी की कर्म स्थली और तुलसीदास जी की जन्मस्थली एवं आदि कवि महर्षि वाल्मीकि लालापुर की पावन धरा को कोटि-कोटि प्रणाम करते हुए आप सबका हृदय से अभिनंदन करता हूं। प्रभु श्रीराम ने चित्रकूट वनवास के दौरान ऋषि मुनियों के सानिध्य और उस समय भारत की सामाजिक व्यवस्था के आधार स्तंभ कोल, भील, निषाद जनजातियों के बारे में उल्लेख करते हुए हमारे शास्त्रों ने बहुत ही मनोरथ तरीके से उनका आदर्श प्रस्तुत करने का कार्य किया है। आज पूज्यपाद तुलसीदास जी की जयंती पर नाना जी की कर्म भूमि कृषि विज्ञान केंद्र पर आकर यहां के प्रमुख समाज मूलक प्रकल्पों का अवलोकन करने के साथ गोस्वामी तुलसीदास जी की भव्य प्रतिमा का लोकार्पण करने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ है। मैं इसके लिए दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव श्री मुंडले जी और श्री अभय महाजन जी का धन्यवाद ज्ञापित करता हूं।

बहिनों भाइयों जब चित्रकूट की चर्चा होती है तो मुझे ध्यान में आता है कि प्रधानमंत्री जी ने मुझसे कहा था सबसे पहले बुंदेलखंड के विकास के लिए कार्य करना है, सबसे पहले हमें जनजाति समाज को सर्व सुविधा उपलब्ध कराने का कार्य करना है। यह सब करके हमने उनके ऊपर कोई उपकार नहीं किया वह तो प्रभु श्री राम के वनवास काल के दौरान इन जनजाति समाज और उनके पूर्वजों ने जो किया था उसका परिणाम स्वरुप प्रयास है।

आज बुंदेलखंड में दलहन, तिलहन, मकई का दायरा बढ़ा है। 2014 के पूर्व मिट्टी के स्वास्थ्य की किसी को जानकारी नहीं थी, पहली बार मोदी जी ने व्यापक पैमाने पर देश भर में साॅइल हेल्थ कार्ड जारी किया, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू की। इससे सिंचाई का दायरा बढ़ा है, बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र में अभी लोग तीन-तीन फसलें लेना शुरू किए हैं। पहले इस क्षेत्र को जोड़ने का कोई मार्ग नहीं था आज बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे बन गया है। रोपवे चित्रकूट में बन गए हैं, कामदगिरि परिक्रमा मार्ग को और बेहतर बनाने का कार्य हो रहा है, मंदाकिनी जी की स्वच्छता को लेकर भी एक बड़े पैमाने पर कार्य शुरू हुआ है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि याद करिए 1990 में जब इस क्षेत्र में नानाजी देशमुख आए थे, नाना जी सबके प्रति व्यवहारिक दृष्टिकोण रखते थे। श्रद्देय नाना जी ने अपने प्रचारक कार्यकाल की शुरुआत गोरखपुर से ही की थी, नाना जी ने गोरखपुर में शिशु मंदिर के रूप में जो बीज रोपा था आज वह विशाल वट वृक्ष बनकर उसकी शाखाएँ देश भर में स्थापित हो चुकी है। जिन लोगों ने वनवास काल के दौरान राम जी का सहयोग किया था अगर हम उन लोगों के प्रति राग द्वेष रखेंगे तो विकास का मार्ग प्रशस्त नहीं कर पाएंगे। परमानंद आश्रम पद्धति विद्यालय इस बात की ही प्रेरणा देता है। अभी तक यह विद्यालय पांचवी तक संचालित था अब इसे और अच्छी तरह से पूरी व्यवस्थाओं के साथ दसवीं तक संचालित करेंगे। प्रभु श्री राम ने जिस तरह से दंडकारण्य से लेकर सुदूर पंचवटी तक धनुष उठाकर राक्षसों का संहार किया था उसी तरह चित्रकूट का यह डिफेंस कॉरिडोर भी उसी का परिचायक है। देश की सुरक्षा के लिए मजबूत दीवार खड़ी करेंगे।

जब समाज और सरकार मिलकर काम करती है तो साकार परिणाम सामने आते हैं, दीनदयाल शोध संस्थान का यह आयोजन इसका जीता जागता उदाहरण है, उसी को लेकर आज हम यहां मौजूद हैं। मोदी जी का सपना है कि 2047 में भारत दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बने उसके लिए हमें आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करना होगा। इसके लिए नाना जी द्वारा स्थापित ग्रामोदय विश्वविद्यालय ग्राम विकास की प्रयोगशाला के रूप में एक संजीवनी का कार्य कर रहा है। एक श्रेष्ठ भारत और विकसित भारत के लिए हमें मिलकर कार्य करना होगा। चित्रकूट के विकास को लेकर जो भी कार्य है उसके लिए हमारी सरकार पूरी निष्ठा से कार्य करेगी।

सभा स्थल के प्रमुख मंच के दाहिने तरफ संत समाज के लिए अलग से मंच बनाया गया, जहाँ चित्रकूट के सभी प्रमुख अखाड़े और मंदिरों से महंत गण और संत समाज विराजमान रहा और वहीं दूसरी ओर संस्कृति विभाग के सहयोग से भजन मंडली द्वारा भजनों एवं तुलसी महिमा व रचनाओं की आकर्षक प्रस्तुति की गई। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के ही अंतर्गत अनुसूचित जाति के बच्चों के लिए संचालित परमानन्द आश्रम पद्धति विद्यालय गनीवां के बच्चों एवं कृष्णा देवी वनवासी बालिका विद्यालय मझगवां की वनवासी बच्चियों द्वारा मनमोहक आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई।

कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए दीनदयाल शोध संस्थान के राष्ट्रीय संगठन सचिव श्री अभय महाजन ने बताया कि राम दर्शन में स्थापित गोस्वामी जी की प्रतिमा के अनुरूप ही हाथ में मोरपंखी लेकर ताम्र पत्र पर लिखते हुए लगभग साढे़ छह फीट की जीवंत स्वरूप में तुलसीदास जी की प्रतिमा स्थापित की गई है। कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु प्रचार-प्रसार की दृष्टि से चित्रकूट जनपद के सभी राजस्व ग्राम जिसमें 331 पंचायतों के हर ग्राम आवादी के लगभग प्रत्येक घर तक निमंत्रण पत्र के साथ तुलसीदास जी के जीवन दर्शन पर पुस्तिका और कलेण्डर देने का कार्य दीनदयाल शोध संस्थान के कार्यकर्ता पिछले 1 माह से कर रहे थे। कार्यक्रम में जन सहभागिता महत्वपूर्ण विषय है, इसलिए ऐसा प्रयास किया गया कि प्रत्येक ग्रामवासी इसे अपना कार्यक्रम समझे।

तुलसी कृषि विज्ञान केन्द्र परिसर में एक दिन पूर्व ही रामचरित मानस पाठ का शुभारंभ हो चुका था जिसकी पूर्णाहुति भी तुलसी जयंती पर हुई। कार्यक्रम के उपरांत भंडारा प्रसाद का आयोजन किया गया, जिसमें आसपास के जिलों से पधारे प्रमुख गणमान्यजनों सहित चित्रकूट जनपद के हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। 

मुख्यमंत्री जी द्वारा केवीके परिसर में हरिशंकरी वाटिका और नवग्रह वाटिका के वृक्षों का किया गया रोपण

इस दौरान केवीके परिसर में जन आंदोलन एक पेड़ मां के नाम अंतर्गत मुख्यमंत्री जी द्वारा पीपल, बरगद, पाकर तीनों वृक्षों का रोपण कर हरिशंकरी वाटिका की स्थापना की गई वहीं दूसरी ओर केवीके परिसर में ही नवग्रह वाटिका की स्थापना की गई जिसके अंतर्गत नौ ग्रहों से संबंधित नौ पेड़ सूर्य के लिए मदार, चंद्रमा के लिए पलाश, मंगल के लिए खैर, बुध के लिए अपामार्ग, गुरु के लिए पीपल, शुक्र के लिए गूलर, शनि के लिए शमी, राहु के लिए दूर्वा और केतु के लिए कुश के वृक्षों का रोपण किया गया।

कृषि की संकटग्रस्त प्रजातियों के प्रदर्शन के साथ लगाई गई विशिष्ट प्रदर्शनी

तुलसी कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां, गनीवां, कृषि विभाग चित्रकूट द्वारा संकटग्रस्त प्रजातियों के प्रदर्शन के साथ श्री अन्न के मूल्यवर्धित व जैविक कीटनाशकों का प्रदर्शन, मशरूम के मूल्य संवर्धित उत्पाद एवं जन शिक्षण संस्थान चित्रकूट तथा उद्यमिता विद्यापीठ द्वारा आत्मनिर्भर तथा स्वावलम्बी बनाने हेतु संचालित किए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी के साथ साथ प्रशिक्षणार्थियों द्वारा बनाये गए उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। कृषक उत्पादक संगठन के द्वारा तैयार उत्पादों का भी प्रदर्शन किया गया। 

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