ए.के.एस. विश्वविद्यालय में धूमधाम से आयोजित हुई मटकी फोड़ प्रतियोगिता
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सतना, 19 अगस्त 2025। ए.के.एस. विश्वविद्यालय का खेल मैदान मंगलवार को जन्माष्टमी पर्व की धूम और उल्लास से गूंज उठा, जब यहाँ मटकी फोड़ प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। भारतीय संस्कृति और परंपराओं को जीवंत करने वाले इस आयोजन ने विश्वविद्यालय परिवार को एक साथ बांध दिया और विद्यार्थियों व शिक्षकों, दोनों को समान रूप से सहभागिता का अवसर प्रदान किया। कार्यक्रम की शुरुआत मंच पर विराजित लड्डू गोपाल तथा राधा-कृष्ण की भूमिका निभा रहे बच्चों की पूजा-अर्चना से हुई। यह पूजन समारोह विश्वविद्यालय के चांसलर श्री बी.पी. सोनी जी की धर्मपत्नी श्रीमती केशकली सोनी, प्रो चांसलर अनंत कुमार सोनी, आई.क्यू.ए.सी निदेशक प्रो. जी.सी. मिश्रा, श्रीमती साधना सोनी तथा वरिष्ठ प्राध्यापकों द्वारा संपन्न किया गया। इस पावन आरंभ ने पूरे कार्यक्रम को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गरिमा प्रदान की। आयोजन का संचालन यूनिवर्सिटी कैंपस डेवलपमेंट सेल द्वारा किया गया, जबकि सांस्कृतिक विभाग के छात्रों और सदस्यों द्वारा प्रस्तुत भजनों ने पूरे वातावरण को भक्तिमय और उल्लासपूर्ण बना दिया। प्रतियोगिता में इस बार कुल आठ बालक टीमों और एक बालिका टीम ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने मात्र दो दिनों की तैयारी में अपने-अपने मेंटर्स के मार्गदर्शन में गहन अभ्यास किया और प्रतियोगिता को अत्यंत चुनौतीपूर्ण बना दिया। कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने तीन मंजिला पिरामिड बनाकर कुछ ही क्षणों में मटकी फोड़ दी, जिससे उपस्थित दर्शक तालियों और उत्साह से गूंज उठे। परिणामस्वरूप, प्रथम स्थान प्राप्त टीम को ₹2100, द्वितीय स्थान प्राप्त टीम को ₹1600 और तृतीय स्थान प्राप्त टीम को ₹1100 की राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की गई। वहीं बालिका टीम की सराहना करते हुए उन्हें ₹1100 की प्रोत्साहन राशि भेंट की गई। केवल छात्र ही नहीं, बल्कि फैकल्टी सदस्यों ने भी उत्साहपूर्वक इस प्रतियोगिता में भाग लिया और मटकी फोड़ने का प्रयास किया। शिक्षकों की इस सक्रिय भागीदारी ने कार्यक्रम को और भी रोचक और प्रेरणादायी बना दिया। समापन के अवसर पर राधा-कृष्ण की झांकी से प्रतीकात्मक मटकी फोड़ का आयोजन हुआ, जिसने पूरे समारोह को अविस्मरणीय बना दिया। कार्यक्रम के संचालन और निष्पक्षता सुनिश्चित करने में मृत्युंजय पांडे और गणेश गुप्ता ने निर्णायक की भूमिका निभाई। अंत में यूसीडीसी समन्वयक श्रीमती प्रियंका बागरी ने पूरे आयोजन को सफल बनाने में सहयोग करने वाले खेल विभाग, आयोजन समिति, फैकल्टी सदस्यों, विद्यार्थियों, डिज़ाइनिंग विभाग और सहायक स्टाफ को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया।
यह आयोजन केवल एक प्रतियोगिता न होकर विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक धरोहर, सामूहिकता और उत्सवधर्मिता का जीवंत प्रतीक बना, जिसने सभी प्रतिभागियों और दर्शकों के मन पर अमिट छाप छोड़ी।
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