आरोग्यधाम में कटे-फटें होंठ, तालू एवं बर्न केसों की प्लास्टिक सर्जरी के लिए निशुल्क पंजीकरण हुआ शुरू
1 min read⚡आरोग्यधाम में कटे-फटें होंठ, तालू एवं बर्न केसों की होगी प्लास्टिक सर्जरी, निशुल्क पंजीकरण हुआ शुरू

चित्रकूट/ कटे-फटे होठ एवं तालू की सर्जरी की सुविधा के साथ दीनदयाल शोथ संस्थान द्वारा आरोग्यधाम परिसर में दन्त रोग निवारण इकाई के तरफ से शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर में कटे-फटें होंठ, तालू एवं बर्न केसों की प्लास्टिक सर्जरी होगी। मरीजों का पंजीकरण आरोग्यधाम परिसर दन्त रोग निवारण विभाग के पंजीकरण पटल में नित्य किया जा रहा है। यह पंजीकरण 10 अप्रैल तक चलेगा। जिन मरीजों का पंजीयन होगा उन सभी की शिविर में निशुल्क सर्जरी की जाएगी। यह शिविर निःशुल्क रुप से 20 अप्रैल से 28 अप्रैल तक आरोग्यधाम में संचालित होगा।
शिविर की जानकारी देते हुए दीनदयाल शोध संस्थान के उप महाप्रबंधक डाॅ अनिल जायसवाल ने बताया कि गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी ख्याति प्राप्त सर्जन चित्रकूट आएंगे। शिविर में पंजीकृत रोगियों का 20 अप्रैल को स्वास्थ्य परीक्षण आरोग्यधाम दन्त रोग निवारण विभाग में होगा। उसके उपरांत उन्हें भर्ती करके उपचार शुरू होगा।
दीनदयाल शोध संस्थान ने चित्रकूट व सतना जनपद के आस पास के ग्रामीणों से अपील की है कि ऐसे उत्पीड़ित बच्चों एवं युवाओं का शिविर के लिए 10 अप्रैल तक आरोग्य धाम में पंजीयन करा लें जिससे उनको चिकित्सा का लाभ मिल सके। दूरदराज क्षेत्रों के लोग संपर्क सूत्र 9425885816 पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक काॅल करके अपना निशुल्क पंजीकरण करा सकते हैं।
आरोग्यधाम दंत चिकित्सा विभाग के प्रभारी डाॅ वरुण गुप्ता ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के लिए भी डेन्टल प्रेक्टिस को इम्प्रूव किया जा रहा है। इसके अलावा चालित चिकित्सालय के माध्यम से भी दूरस्थ गावों में चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध कराई जाती है। आरोग्यधाम के डेन्टल डिपार्टमेंट द्वारा सेवा यूके के सहयोग से गत वर्ष भी 19 से 24 नबम्बर तक विशाल प्लास्टिक सर्जरी शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर में कटे-फटें होंठ, तालू एवं बर्न केसों की प्लास्टिक सर्जरी यूके के वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जनों एवं उनकी टीम के द्वारा की गई। मरीजों के लिए पंजीयन से लेकर संपूर्ण उपचार एवं डिस्चार्ज तक सारी व्यवस्थाएं पूर्णतः निशुल्क रहीं। क्लैफ्ट कैंप के माध्यम से बच्चों के लिए होने वाली प्लास्टिक सर्जरी जीवन बदलने वाली साबित होती है और उन्हें बिना किसी भेदभाव व संकोच के सामान्य समाज में एकीकृत होने का अवसर मिलता है।
