*स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के संचालन में आ रही समस्याओं के समाधान की उठी मांग*
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सिद्धार्थ विश्वविद्यालय से जुड़े शिक्षण संस्थानों ने कुलपति को सौंपा मांगपत्र
सिद्धार्थनगर।
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु से संबद्ध स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से महाविद्यालय संचालन में आ रही समस्याओं के समाधान की मांग की है। इस संबंध में एक मांगपत्र कुलपति महोदया को प्रेषित कर उचित कार्यवाही की अपील की गई है।
प्रतिनिधियों ने अवगत कराया कि विश्वविद्यालय का परिक्षेत्र नेपाल सीमा से लगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के अत्यंत पिछड़े क्षेत्र में स्थित है, जहाँ कृषि ही मुख्य आर्थिक साधन है। यहां के अधिकांश विद्यार्थी कृषक परिवारों से आते हैं और उनकी उच्च शिक्षा के अवसर सीमित हैं।
मांगपत्र में निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित किया गया है:
- बैक पेपर परीक्षा शीघ्र कराई जाए
प्रतिनिधियों ने बताया कि अभी तक बैक पेपर परीक्षा आयोजित नहीं हुई है, जिससे हजारों छात्रों का परिणाम अधूरा है। यदि अगस्त 2025 से पहले यह परीक्षा करा ली जाए तो कई विद्यार्थी बीएड और बीटीसी जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश पा सकेंगे। - समर्थ पोर्टल पर नामांकन तिथि बढ़ाई जाए
स्नातक प्रवेश की प्रक्रिया जुलाई से सितंबर तक चलती है, लेकिन विश्वविद्यालय ने समर्थ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 31 जुलाई तय कर दी है, जिससे लगभग 50% छात्र प्रवेश से वंचित रह सकते हैं। प्रतिनिधियों ने यह तिथि 30 सितंबर 2025 तक बढ़ाने की मांग की है। - NAAC मूल्यांकन में रियायत की मांग
परिक्षेत्र की आर्थिक व शैक्षिक स्थिति को देखते हुए अगले तीन वर्षों तक नैक मूल्यांकन में रियायत देने की अपील की गई है। साथ ही महाविद्यालय प्रबंधकों की एक बैठक आयोजित करने की आवश्यकता जताई गई है। - समर्थ पोर्टल शुल्क समायोजन
समर्थ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन हेतु लिया जा रहा ₹100 शुल्क प्रथम सेमेस्टर के परीक्षा शुल्क में समायोजित किया जाए, जिससे विद्यार्थियों पर अतिरिक्त भार न पड़े। - उत्तर पुस्तिका ले जाने हेतु एजेंसी व्यवस्था बहाल हो
सेमेस्टर परीक्षाओं की पूरित उत्तर पुस्तिकाओं को नोडल केंद्र तक ले जाने हेतु पूर्ववर्ती एजेंसी प्रणाली को पुनः प्रारंभ किए जाने की मांग की गई है। - परिपत्र जमा करने की अवधि बढ़ाई जाए
सेमेस्टर परीक्षाओं के समायोजन परिपत्र जमा करने हेतु 6 माह की अवधि प्रदान करने की मांग भी की गई है। - बीएड प्रयोगात्मक परीक्षा हेतु प्राचार्य को अधिकार
बीएड की प्रयोगात्मक परीक्षाओं में बाह्य परीक्षक की नियुक्ति का अधिकार संबंधित महाविद्यालय के प्राचार्य को दिए जाने तथा आंतरिक परीक्षक के रूप में महाविद्यालय के वरिष्ठ अनुमोदित शिक्षक या विभागाध्यक्ष की नियुक्ति का सुझाव दिया गया है। - को-कलकुलर विषय के बैक छात्रों को आंतरिक अंक दिए जाएं
सत्र 2024 से पूर्व के ऐसे छात्र जिनका को-कलकुलर विषय में बैक है, उनके लिए महाविद्यालय स्तर से 25 अंक प्रदान कर उन्हें स्नातक उत्तीर्ण करने की अनुमति मांगी गई है।
प्रतिनिधियों ने आशा जताई है कि कुलपति महोदया उक्त समस्याओं का संज्ञान लेकर शीघ्र समाधान की दिशा में कदम उठाएंगी, जिससे इस पिछड़े परिक्षेत्र के छात्रों को उच्च शिक्षा के अवसर सुलभ हो सकें।
*महाराजगंज से जिला संवाददाता मोहम्मद अली की खास रिपोर्ट *


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