अम्बाह मुरैना :- स्कूल में टीचर्स का बैकग्राउंड चेक क्यों है जरूरी?
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अम्बाह // शिक्षा की गुणवत्ता

शिक्षा सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं होती, बल्कि यह बच्चों के भविष्य की नींव होती है। स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक बच्चों के व्यक्तित्य, उनके नैतिक मूल्यों और समाज के प्रति उनके दृष्टिकोण को आकार देते हैं। ऐसे में यह बेहद जरूरी हो जाता है कि स्कूल में पढ़ाने वाले महिला व पुरुष टीचरों का बैकग्राउंड पूरी तरह से जांचा-परखा जाए, ताकि बच्चों की सुरक्षा और उनके भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ न हो।
बच्चों की सुरक्षा
स्कूल में बच्चे अपने शिशकों के मार्गदर्शन में सीखते और बढ़ते हैं। यदि किसी शिक्षक का आपराधिक रिकॉर्ड रहा हो या उसका व्यवहार अनुबित हो, तो इससे बच्चों की सुरक्षा पर खतरा उत्पत्र हो सकता है।
नैतिक शिक्षा पर असर
एक शिक्षक सिर्फ विषय नहीं पढ़ाता बल्कि वह अपने आवरण से बच्चों को समाज में अच्छे नागरिक बनने की सीख भी देता है। यदि शिक्षक का नैतिक स्तर संदेहास्पद हो, तो यह बच्चों को गलत दिशा में भी प्रेरित कर सकता
सर्टिफिकेट और डिग्रियों की जांच
जिसका व्यक्तिगत वा पेसेवर जीवन अनैतिक गतिविधियों से हो, वे न तो खुद शिक्षण कार्य में रुचि ले सकते हैं और न ही बच्चों को सही मार्गदर्शन दे सकते हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती है स्कूल प्रशासन की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे हर शिक्षक के बारे में पूरी तरह जांच करें। इसके लिए निम्नलिखित कदम अपनाए जा सकते हैं
पुलिस वेरिफिकेशन
शिक्षक को नौकरी देने से पहले उसका पुलिस वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य किया जाना चाहिए ह, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उसके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज न हो।
पूर्ववर्ती कार्यस्थलों से फीडबैंक
शिक्षक की पहले की नौकरियों का रिकॉर्ड देखा जाना चाहिए और पिछले स्कूलों से उसके व्यवहार एवं कार्यशैली की जानकारी लेनी चाहिए ।
शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता की जांच की जानी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सही ढंग से पढ़ाने के योग्य हैं।
व्यक्तिगत एवं सामाजिक जांच
शिक्षक के व्यक्तिगत जीवन सामाजिक गतिविधियों और व्यवहार को भी ध्यान में रखना जरूरी है ताकि किसी भी तरह की अनुचित प्रवृत्ति को पहले ही पहचाना जा सके।
सरकार और अभिभावकों की भूमिका
सरकार को भी इस दिशा में कई नियम बनाने चाहिए, जिसने सभी स्कूलों में शिक्षकों की पूरी तरह से जांच सुनिश्चित हो सके। साथ ही, अभिभावकों को भी सतर्क रहना चाहिए और यदि उन्हें किसी शिक्षक के व्यवहार पर संदेह हो, तो इसकी जानकारी स्कूल प्रशासन को देनी चाहिए।
निष्कर्ष
बच्चों का भविष्य देशभविष्य होता है. और शिक्षकों की भूमिका इसमें सबसे अहम होती है। यदि स्कूलों में ऐसे शिक्षक भी हो जाते हैं जिनका बैकग्राउंड संदेहास्पद है, तो यह न केवल बच्चों के लिए खतरा बन सकता है बल्कि पूरे समाज के लिए भी एक गंभीर समस्या खड़ी कर सकता है। इसलिए स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों का बैकग्राउंड चेक करना अनिवार्य किया जाना चाहिए ताकि शिक्षा का स्तर ऊंचा रहे और बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके।
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