कुलपति ने कराई FIR: इन नेताओं पर दर्ज हुआ केस; कार रोकने का मामला गरमाया….
1 min read
उद्घोष समय न्यूज इंदौर
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) में सेल्फ-फाइनेंस कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन अब एक नए मोड़ पर आ गया है।
कुलपति प्रोफेसर की कार रोकने के आरोप में तीन प्रमुख व्यक्तियों – कांग्रेस से निष्कासित अजय चौरड़िया, कर्मचारी नेता दीपक सोलंकी और सोहेल परवेज – के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
यह है पूरा मामला
बता दें कि इंदौर की देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) के सेल्फ-फाइनेंस कर्मचारी लंबे समय से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। 17 मई की दोपहर को जब कुलपति प्रोफेसर सिंघई अपनी कार से विश्वविद्यालय परिसर से गुजर रहे थे, तभी प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने उनकी कार को घेर लिया।
कर्मचारियों ने उनकी गाड़ी के आगे बैठकर जोरदार नारेबाजी की और उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। स्थिति ऐसी बनी कि कुलपति को मजबूरन अपनी कार से उतरकर पैदल ही आगे जाना पड़ा। इस घटना को कुलपति ने अपने अपमान के रूप में देखा और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
किन नेताओं पर दर्ज हुआ केस?
कुलपति की शिकायत पर भंवरकुआं थाने में अजय चौरड़िया (जिन्हें हाल ही में कांग्रेस से निष्कासित किया गया है), दीपक सोलंकी (जो DAVV स्ववित्त संस्थान कर्मचारी गैर शिक्षक संघ के अध्यक्ष हैं) और सोहेल परवेज के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
इन धाराओं में दर्ज हुआ केस
इन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 221 (लोक सेवक के कानूनी कर्तव्य को बाधित करना), 126 (दंगा करना), 296 (धार्मिक पूजा आदि में बाधा डालना) और 351 (हमला) के तहत कार्रवाई की गई है।
कुलपति ने FIR में क्या लिखा?
प्रोफेसर राकेश सिंघई ने अपनी एफआईआर में बताया है कि 17 मई, 2025 को दोपहर 3:30 बजे, अजय चौरड़िया के सहयोग से दीपक सोलंकी और सोहेल परवेज सहित “कुछ बाहरी व्यक्तियों” ने उनके आधिकारिक वाहन को अवैध रूप से रोका।
उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें जबरन वाहन से उतरने के लिए मजबूर किया गया, जिससे उनके शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न हुई और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलगुरु के रूप में उनका “अपमान” किया गया। कुलपति ने यह भी कहा कि जब वे गाड़ी से उतरे तो उनका रास्ता रोका गया और उन्हें धमकाने की कोशिश की गई।
कौन हैं ये विवादित नेता?
बता दें कि अजय चौरड़िया हाल ही में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पर टिप्पणी करने के मामले में पार्टी से निष्कासित किए गए थे। बताया जा रहा है कि चौरड़िया ही कर्मचारियों की इस हड़ताल को परदे के पीछे से समर्थन दे रहे हैं और उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी देख रहे हैं। वहीं, दीपक सोलंकी को भी चौरड़िया का करीबी माना जाता है।
बीजेपी नेताओं की मध्यस्थता भी रही बेअसर
हड़ताल को खत्म करवाने के लिए पिछले दिनों बीजेपी के कई बड़े नेता, जिनमें विधायक रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला और नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा शामिल थे, DAVV परिसर पहुंचे थे।
उन्होंने कर्मचारी नेताओं से बातचीत भी की, लेकिन कर्मचारी नेताओं ने उनकी बातों को मानने से इनकार कर दिया और हड़ताल जारी रखी। इस बैठक के बाद से ही हड़ताली कर्मचारियों पर एक-एक कर कार्रवाई होनी शुरू हो गई थी।
सबसे पहले हड़ताल को अवैध घोषित करते हुए सभी कर्मचारियों का वेतन काटने के आदेश जारी हुए और उसके बाद कुछ कर्मचारी नेताओं को निलंबित भी कर दिया गया था।
इंदौर से जितेन्द्र सालवी की खास रिपोर्ट ✍️
About The Author
















