पुलिस कार्यप्रणाली में उर्दू-फारसी के कठिन शब्दों की जगह होगी सरल हिंदी – गृहमंत्री विजय शर्मा
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📍 जशपुरनगर, 16 जून 2025
प्रदेश की पुलिस व्यवस्था को अधिक जनसुलभ, पारदर्शी और संवादात्मक बनाने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा के निर्देश के बाद अब पुलिस कार्यों में प्रयुक्त कठिन उर्दू-फारसी शब्दों को हटाकर उनकी जगह सरल, प्रचलित और आम जनता की समझ में आने वाले हिंदी शब्दों का उपयोग किया जाएगा।
“पुलिस की भाषा जनता की समझ में होनी चाहिए” – विजय शर्मा
गृहमंत्री ने कहा कि आम नागरिक जब थाने किसी रिपोर्ट, आवेदन या एफआईआर हेतु जाता है, तो उसे पुलिस द्वारा प्रयुक्त जटिल शब्दावली समझ नहीं आती। इससे न सिर्फ असमंजस उत्पन्न होता है, बल्कि पुलिस-जनता के बीच अविश्वास भी बढ़ता है। अतः पुलिस की भाषा वही होनी चाहिए जो जनता की भाषा है।
सभी जिलों के एसपी को निर्देश
पुलिस महानिदेशक ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को आदेशित किया है कि अब थाना, चौकी और कार्यालय स्तर पर कठिन पारंपरिक शब्दों को हटाकर सरल हिंदी शब्दों का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए एक 100 शब्दों की सूची भी जारी की गई है।
थाने से लेकर चौकी तक दिखेगा असर
इस निर्देश को केवल कागज़ी आदेश न मानते हुए प्रदेशभर के प्रत्येक पुलिस कार्यालय में वास्तविक अनुपालन कराने का निर्देश भी दिया गया है। भविष्य में सभी रोजनामचा, एफआईआर, जांच प्रतिवेदन आदि में अब सरल हिंदी शब्द उपयोग में लाए जाएंगे।
100 कठिन पुलिस/प्रशासनिक शब्द और उनके सरल हिंदी विकल्प
क्रमांक | पहले प्रयुक्त शब्द | सरल हिंदी शब्द |
---|---|---|
1 | अदम तामील | सूचित न होना |
2 | इन्द्राज | टंकन |
3 | खयानत | हड़पना |
4 | गोश्वारा | नक्शा |
5 | दीगर | दूसरा |
6 | नकबजनी | सेंधमारी |
7 | माल मशरूका | चोरी गई संपत्ति |
8 | मुचलका | व्यक्तिगत बंध पत्र |
9 | रोजनामचा | दैनिक विवरण |
10 | शिनाख्त | पहचान |
11 | शहादत | साक्ष्य |
12 | शुमार | गणना |
13 | सजायाफ्ता | दण्ड प्राप्त |
14 | सरगना | मुखिया |
15 | सुराग | खोज |
16 | साजिश | षड्यंत्र |
17 | अदालत दिवानी | सिविल न्यायालय |
18 | फौजदारी अदालत | दांडिक न्यायालय |
19 | इकरारनामा | प्रतिज्ञापन |
20 | इस्तीफा | त्याग पत्र |
21 | कत्ल | हत्या |
22 | कयास | अनुमान |
23 | खसरा | क्षेत्र पंजी |
24 | खतौनी | भूमि अभिलेख |
25 | गुजारिश | निवेदन |
26 | जब्त | कब्जे में लेना |
27 | जमानतदार | प्रतिभूति दाता |
28 | जमानत | प्रतिभूति |
29 | जरायम | अपराध |
30 | जबरन | बलपूर्वक |
31 | जरायम पेशा | अपराधजीवी |
32 | जायदादे मशरूका | कुर्क हुई संपत्ति |
33 | दाखिलखारिज | नामांतरण |
34 | सूद | ब्याज |
35 | हुजूर | श्रीमान / महोदय |
36 | हुलिया | शारीरिक लक्षण |
37 | हर्जाना | क्षतिपूर्ति |
38 | हलफनामा | शपथ पत्र |
39 | दफा | धारा |
40 | फरियादी | शिकायतकर्ता |
41 | मुत्तजर्रर | घायल / चोटिल |
42 | इत्तिलानामा | सूचना पत्र |
43 | कलमबंद करना | न्यायालय के समक्ष कथन |
44 | गैरहाजिरी | अनुपस्थिति |
45 | चस्पा | चिपकाना |
46 | चश्मदीद | प्रत्यक्षदर्शी |
47 | जलसाजी | कूटरचना |
48 | जिला बदर | निर्वासन |
49 | जामतलाशी | वस्त्रों की तलाशी |
50 | वारदात | घटना |
51 | गिरफ्तारी | पकड़ |
52 | तफ्तीश | जांच |
53 | मुलजिम | आरोपी |
54 | गवाह | साक्षी |
55 | बयान | कथन |
56 | पेशी | उपस्थिति |
57 | चालान | मूल्य पर्ची |
58 | तहकीकात | अन्वेषण |
59 | बुलावा पत्र | समन |
60 | तारीख पेशी | सुनवाई की तिथि |
61 | दलील | तर्क |
62 | हिरासत | नज़रबंदी |
63 | मुकदमा | प्रकरण |
64 | दस्तावेज़ | प्रलेख |
65 | थाना | पुलिस स्टेशन |
66 | चौकी | उप पुलिस केंद्र |
67 | अपराधी | दोषी |
68 | न्याय | इंसाफ |
69 | गिरफ्त | पकड़ |
70 | आदेश | निर्देश |
71 | प्रार्थी | याचिकाकर्ता |
72 | निवेदन | अनुरोध |
73 | प्रतिवादी | उत्तरदाता |
74 | सुनवाई | विचार |
75 | कबूल | स्वीकार |
76 | इंकार | अस्वीकृति |
77 | साक्षात्कार | बयान |
78 | पुलिंदा | दस्तावेज़ों का बंडल |
79 | सूचक | सूचना देने वाला |
80 | कबूलनामा | स्वीकृति पत्र |
81 | गिरोह | समूह |
82 | चलान | जुर्माना पर्ची |
83 | कस्टडी | हिरासत |
84 | आरक्षक | कांस्टेबल |
85 | प्रकरण | मामला |
86 | व्याख्यान | व्याख्या |
87 | स्थल | जगह |
88 | शिकायत | अभियोग |
89 | स्थिति | हालत |
90 | अनुशासन | नियम पालन |
91 | प्रशासन | प्रबंध |
92 | अधिकार | हक |
93 | दायित्व | जिम्मेदारी |
94 | संदेह | शंका |
95 | अज्ञात | अनजान |
96 | साक्ष्य | प्रमाण |
97 | जांचकर्ता | तफ्तीश अधिकारी |
98 | पंजी | रजिस्टर |
99 | चिट्ठी | पत्र |
100 | तारीख | दिनांक |
101 | हस्ताक्षर | दस्तखत |
102 | दस्तखत | हस्ताक्षर |
103 | सूचना | इत्तिला |
104 | अभियुक्त | मुलजिम |
105 | जवाब | उत्तर |
अपेक्षित लाभ
✅ नागरिकों को एफआईआर व अन्य दस्तावेज़ों की भाषा समझने में आसानी होगी
✅ पुलिस और जनता के बीच संवाद और विश्वास में सुधार होगा
✅ कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी
✅ पुलिस जनसेवा की ओर और अधिक उन्मुख होगी
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ पुलिस केवल कानून का पालन करवाने वाली संस्था नहीं, बल्कि जनसरोकार से जुड़ी संस्था के रूप में अपनी भूमिका को मजबूती दे रही है। भाषा-सरलीकरण का यह प्रयास राज्य में सशक्त जनसंचार और सुशासन की नई शुरुआत है।
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