आज मै मनेन्द्रगढ़ की माटी और संबोधन संस्थान का ऋणी
1 min read
संभाग ब्यूरो सरगुजा दुर्गा गुप्ता
उक्ताशय के विचार पाषाण शिल्प कला 2025 से सम्मानित होने वाले कलाकार श्री धर्म सिंह नेताम ने अपने सम्मान के बाद बिदाई के समय व्यक्त किया.उन्होंने कहा मैं आज मनेन्द्रगढ़ की माटी और संबोधन संस्थान का ऋणी हो गया हूं जिन्होंने आज हमारी कलाकृति को पारखी नजरों से देखा और सम्मानित किया है. हम कलाकार रोटी से अधिक सम्मान के लिए काम करते हैं आपका यह सम्मान हमें नई ऊर्जा प्रदान करता है. आपकी शुभकामनाएं हमें कला के क्षेत्र में नए क्षितिज की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है.
निदान सभागार मनेन्द्रगढ़ में संबोधन साहित्य एवं कला विकास संस्थान मनेन्द्रगढ़ द्वारा पाषाण शिल्पी कलाकारों का सम्मान समारोह आयोजित आयोजित किया गया जिसमें राजनांदगांव से आए कलाकार धर्म सिंह नेताम, मनीषा नेताम एवं नोहर मेरावी का सम्मान किया गया.कार्यक्रम का संचालन करते हुए चर्चित साहित्यकार गौरव अग्रवाल ने सबसे पहले अतिथियों में मुख्य अतिथि माननीय डॉ. विनोद पांडेय, नोडल अधिकारी, जिला पर्यटन धरोहर (एम सी बी) सहित संस्था अध्यक्ष अनिल जैन, विशिष्ट अतिथि संजय सेंगर एवं उपाध्यक्ष श्री हारून मेमन को मंचासीन होने का अनुरोध किया.

कार्यक्रम का शुभारंभ करते गायक नरोत्तम शर्मा ने “तारों पर सज के, देखो धरती चली मिलने” जैसे प्यारे गीत की प्रस्तुति से श्रोताओं की तालियां बटोरी. आयोजन की भूमिका प्रस्तुत करते हुए संस्थापक सदस्य बीरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा की संबोधन संस्थान हमेशा से साहित्य कला एवं सांस्कृतिक धरोहरों के विकास के चिंतन एवं इससे जुड़े कलमकारों और कलाकारों को प्रोत्साहित करने के प्रति सजग रही है. ग्रेनाइट चट्टानों के शुष्क पाषाण मैं डायनासोर जीवन की जीवंत तस्वीर ऊकेरने वाले शिल्पकारों का सम्मान करते हुए यह संस्था आज गौरव का अनुभव कर रही है.
पाषाण शिल्पी कलाकारों को आमंत्रित करते हुए संचालक गौरव अग्रवाल ने सर्वप्रथम धर्म सिंह मरावी को सम्मान प्राप्ति के लिए आमंत्रित किया जिन्हें दुशाला, अंग वस्त्र प्रदान कर डॉ. विनोद पांडे ने सम्मानित किया तथा संस्था अध्यक्ष अनिल जैन विशिष्ट अतिथि संजय सेंगर एवं उपाध्यक्ष हारून मेमन ने संयुक्त रुप से उपस्थित जन समुदाय के समक्ष उन्हें सम्मान पत्र प्रदान कर तालियों की करतल ध्वनि के बीच यह सम्मान प्रदान किया. श्रीमती मनीषा नेताम को डॉ. वर्षा श्रीवास्तव ने शाल से सम्मानित किया. सम्मान पत्र का वाचन करते हुए गौरव अग्रवाल ने कहा कि आज संस्था द्वारा इन कलाकारों को “संबोधन, पाषाण शिल्प कला सम्मान 2025” से सम्मानित किया जा रहा है. बीरेंद्र श्रीवास्तव ने कलाकारों की जानकारी देते हुए कहा कि 1991 में जन्मे धर्म सिंह नेताम खैरागढ़ विश्वविद्यालय से 2017 में मास्टर ऑफ फाइन आर्ट शिल्प कला की शिक्षा प्राप्त की है तथा दिल्ली विश्वविद्यालय से 2 वर्ष के लिए उन्हें स्कॉलरशिप प्राप्त हुई है. इसी तरह मनीषा नेताम 2017 में शिल्प कला में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त कर उड़ीसा भुवनेश्वर से स्कॉलरशिप प्राप्त की है तीसरे कलाकार नोहर मरावी ने 2024 में स्नातकोत्तर शिक्षा खैरागढ़ विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ से प्राप्त की है.
डॉ. विनोद पांडे ने मुख्य अतिथि के आसंदी से अपने विचार रखते हुए कहा कि आज ग्रेनाइट के चट्टानों पर अपने शिल्प कला की छाप छोड़ने वाले कलाकारों मे शामिल श्री धर्म सिंह नेताम मनीषा नेताम और नोहर मेरावी को मैं शुभकामनाएं देता हूं और कामना करता हूं कि शिल्प कला के क्षेत्र में नक्षत्र की तरह आपकी कीर्ति पूरे देश में फैले उन्होंने कहा कि “संबोधन पाषाण शिल्प कला सम्मान 2025” के आयोजन अवसर पर कलाकारों की प्रतिभा के साथ संबोधन साहित्य एवं कला विकास संस्थान मनेन्द्रगढ़ के उपलब्धियां के बारे में नजदीक से जानना मेरे लिए आज एक विशेष तारीख बन गई है, अमरकंटक उद्गम को बचाने हेतु बॉक्साइट उत्खनन पर रोक, छ.ग. मे चंदनवन संरक्षित करने हेतु केंद्र सरकार से अपील कर सहयोग दिलाने तथा गोंडवाना मेरीन फॉसिल्स के विकास के लिए 15 वर्षों के परिश्रम के बाद उपलब्धियां आज संस्था की धरोहर है. भगवान राम के छत्तीसगढ़ में प्रथम आगमन की साक्षी सीतामढ़ी हरचौका के अंचल से जुड़े मनेन्द्रगढ़ जिला मुख्यालय का निवासी होने पर मुझे गर्व अनुभव हो रहा है.
विशिष्ट अतिथि संजय सेंगर ने कहा कि मैं संबोधन संस्था के कार्यों का हमेशा प्रशंसक रहा हूँ चाहे वह संस्था से जुड़े बीरेंद्र श्रीवास्तव की चर्चित पर्यटन रिपोर्टिंग हो या उनके कार्यक्रम आयोजन की परंपरा. संबोधन संस्थाएं अपने आयोजन के साथ विद्यालय एवं सामाजिक संस्थाओं के आयोजनों को मार्गदर्शन भी प्रदान करती है। उपाध्यक्ष हारून मेमन ने कहा कि विगत 30 वर्षों से इस संस्था से जुड़कर मैंने विद्वानों और कलाकारों के साथ बहुत कुछ सीखा है आज संस्था द्वारा शिल्पकारों के इस सम्मान के अवसर पर मैं सभी कलाकारों को कला की नई उँचाइयाँ छूने की शुभकामनाओं सहित उन्हें गौरवपूर्ण सम्मान प्राप्ति के लिए बधाई देता हूं.

संस्था अध्यक्ष श्री अनिल जैन ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा की साहित्यकारों एवं कलाकारों को प्रोत्साहित करना एवं उनकी कला का सम्मान करना इस संस्था के अब तक के 48 वर्षों की परंपरा में शामिल है. आज शिल्पकारों का सम्मान करके संबोधन संस्थान गौरव का अनुभव कर रही है हम कलाकारों को विश्वास दिलाते हैं कि मनेन्द्रगढ़ की धरती में 29 करोड़ वर्ष प्राचीन गोंडवाना फॉसिल पार्क के प्रांगण में आपकी हाथो उकेरी कलाकृतियां सैकड़ो वर्षों तक आपको मनेन्द्रगढ़ की धरती से आपकी यादों सहित जोड़े रखेगी.
देर शाम तक चलते इस कलाकारों के सम्मान समझ में साहित्यकारों एवं कलाकारों में सतीश द्विवेदी, गौरव अग्रवाल, टी. विजय गोपाल राव, विजय गुप्ता, राजेश सिंह, पत्रकार रामचरित द्विवेदी, पत्रकार राजेश सिन्हा, अरविंद श्रीवास्तव, पुष्कर लाल तिवारी, नरेंद्र श्रीवास्तव, गायक कलाकार नरोत्तम शर्मा, डॉ वर्षा एवं डा. निशांत श्रीवास्तव की विशिष्ट उपस्थिति ने कार्यक्रम को उंचाईयाँ प्रदान की.
.
About The Author
















