पत्थलगांव बस स्टैंड की सड़क मरम्मत ‘घंटों’ में ढही
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पत्थलगांव: बस स्टैंड के मुख्य द्वार पर बने दो बड़े गड्ढों की समस्या को लेकर पहले मीडिया में खबर प्रकाशित हुई थी, जिसके बाद नगर पंचायत द्वारा आनन-फानन में मरम्मत कार्य करवाया गया। लेकिन यह मरम्मत कुछ ही घंटों में दम तोड़ गई। गड्ढे दोबारा उसी स्थिति में लौट आए हैं, जिससे यात्रियों और वाहन चालकों को भारी परेशानी हो रही है।
गुणवत्ता विहीन मरम्मत कार्य ने खोल दी पोल
नगर पंचायत द्वारा कराए गए इस कार्य की गुणवत्ता पर अब सवाल उठ रहे हैं। नागरिकों का कहना है कि सड़क को भरने के लिए घटिया सामग्री का उपयोग किया गया, जिससे कुछ ही समय में सड़क उखड़ गई और गड्ढे फिर से उभर आए। इससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर संदेह गहराता जा रहा है।
नगर पंचायत की कार्यशैली पर उठे सवाल, पार्षद और सीएमओ की भूमिका संदिग्ध
घटिया मरम्मत कार्य के सामने आने के बाद नगर पंचायत की कार्यशैली को लेकर नागरिकों में रोष है। वार्ड क्रमांक 11 के पार्षद और नगर पंचायत के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि बिना किसी निगरानी और गुणवत्ता जांच के मरम्मत कार्य स्वीकृत किए जा रहे हैं।
घंटों में उखड़ गई सड़क, लापरवाही की खुली पोल
बस स्टैंड के बाहर पहले से मौजूद गड्ढे दुर्घटनाओं का कारण बन रहे थे। मीडिया की खबर के बाद मरम्मत तो करवाई गई, लेकिन यह महज़ औपचारिकता साबित हुई। स्थानीय लोगों का कहना है कि ठेकेदार और अधिकारी मिलकर सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं।
यात्रियों में आक्रोश, बड़ा हादसा होने की आशंका
दोपहर के समय तो ये गड्ढे दिख जाते हैं, लेकिन रात में ये जानलेवा साबित हो सकते हैं। वाहन चालकों और यात्रियों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि प्रशासन उनकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहा है, और यदि समय रहते सुधार नहीं हुआ, तो कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
वार्ड पार्षद और प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
पूरे मामले पर वार्ड क्रमांक 11 के पार्षद और नगर पंचायत प्रशासन की चुप्पी भी अब चर्चा का विषय बन चुकी है। नागरिकों का कहना है कि जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट रहे हैं और जनता की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे।
स्थायी समाधान की मांग, गुणवत्ता जांच पर जोर
स्थानीय निवासियों ने नगर पंचायत से इस बार स्थायी और गुणवत्तापूर्ण मरम्मत कार्य की मांग की है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि भविष्य में बिना गुणवत्ता जांच के कोई भी कार्य न किया जाए। साथ ही दोषी ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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