एकेएस विश्वविद्यालय के प्रो. कमलेश चौरे को यूनाइटेड किंगडम में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शोध प्रस्तुत करने का आमंत्रण।
विश्वविद्यालय परिवार ने दी हार्दिक शुभकामनाएं।
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शोध में शिल्पी सिंह,माही चौरे एवं पियूष कांत राय सहलेखक
सतना। भारत । 9 जून 2025
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. कमलेश चौरे को यूनाइटेड किंगडम के यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबरा में 15 से 19 जून 2025 के बीच आयोजित होने जा रहे राइजोस्फीयर 6 अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मौखिक व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया है। उनके नेतृत्व में प्रस्तुत किए गए शोध “केले की किस्म ‘मूसा अक्यूमिनाटा जी9’ में फ्यूजेरियम ऑक्सीस्पोरम विल्ट रोग की जैविक नियंत्रण में एंडोफाइटिक बैक्टीरिया की भूमिका एवं इसका कार्यात्मक जीनोमिक अध्ययन” को सम्मेलन में “टॉक प्रेजेंटेशन” के रूप में चयनित किया गया है। इस शोध पत्र के सहलेखकों में श्रीमती शिल्पी सिंह, माही चौरे एवं पियूष कांत राय शामिल हैं, जिन्होंने इस अध्ययन में सक्रिय शोधात्मक योगदान दिया है।
यह शोध कार्य पौधों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए एंडोफाइटिक सूक्ष्मजीवों की भूमिका पर केंद्रित है, विशेष रूप से केले की फसल में फ्यूजेरियम विल्टजैसे विनाशकारी रोग के जैव नियंत्रण की दिशा में। यह अध्ययन जैविक और टिकाऊ कृषि की ओर एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।सम्मेलन की आयोजन समिति की ओर से यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबरा की डीन ऑफ रिसर्च प्रोफेसर लिज बैग्स द्वारा भेजे गए आधिकारिक निमंत्रण पत्र में डॉ. चौरे की प्रस्तुति की पुष्टि की गई है। यह सम्मेलन पौध-मृदा-सूक्ष्मजीव संबंधी नवीनतम शोध कार्यों के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबरा यूनाइटेड किंगडम की एक प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक शोध-आधारित विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना 1582 में हुई थी। यह विश्वविद्यालय वैश्विक स्तर पर उत्कृष्ट अनुसंधान, नवाचार और शिक्षाविदों के लिए जाना जाता है, और इसे QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में 27वाँ स्थान प्राप्त हुआ है।
इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर ए.के.एस. विश्वविद्यालय परिवार ने अत्यंत हर्ष व्यक्त किया है। विश्वविद्यालय के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी , कुलपति प्रोफेसर बी.ए.चोपड़े, प्रोवाइस चांसलर प्रो.हर्षवर्धन, प्रोवाइस चांसलर डॉ.आर.एस.त्रिपाठी, तथा जीवन विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर जी.पी. रिछारिया ने पूरी शोध टीम को बधाई दी और विश्वविद्यालय का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित करने के लिए शुभकामनाएं दीं। डॉ. चौरे ने इस उपलब्धि के लिए अपने परिवार के सदस्य पत्नी माही और बच्चों सरहाना और समर्थ के प्रति उनके अटूट सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया । प्रो. कमलेश चौरे ने कहा कि”यह सम्मान न केवल मेरे लिए, बल्कि मेरी पूरी शोध टीम शिल्पी, माही और पियूष के परिश्रम और समर्पण का प्रमाण है। मैं विश्वविद्यालय प्रशासन और अपने विभागीय साथियों का आभार व्यक्त करता हूँ, जिनके सहयोग और मार्गदर्शन से यह सफलता संभव हो सकी। ऐसे मंच हमें वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय से जुड़ने और नवाचारों को साझा करने का मूल्यवान अवसर प्रदान करते हैं।” यह उल्लेखनीय है कि राइजोस्फीयर 6 सम्मेलन विश्व के अग्रणी वैज्ञानिकों को एकत्र कर पौधों की जड़ों, मिट्टी और सूक्ष्मजीवों के पारस्परिक संबंधों पर चर्चा करने का मंच प्रदान करता है, जो कि टिकाऊ कृषि, पर्यावरणीय संतुलन एवं वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
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