July 15, 2025

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जशपुर : ब्राह्मण समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी: रूपनारायण एक्का के खिलाफ मामला दर्ज…

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दिनांक – 05.05.2025

सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट से फैला आक्रोश


कुनकुरी के शंकर नगर निवासी दीपक मिश्रा (उम्र 54 वर्ष), जो कि सर्व ब्राह्मण समाज कुनकुरी के अध्यक्ष हैं, ने थाना कुनकुरी में रिपोर्ट दर्ज कराई है। शिकायत के अनुसार, 13 अप्रैल 2025 को रूपनारायण एक्का ने सोशल मीडिया पर ब्राह्मण समाज को अपमानित करने हेतु एक अभद्र और आपत्तिजनक पोस्ट साझा की, जिससे समाज की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।


बीएनएस की धारा 299 और 353(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध


रिपोर्ट के आधार पर रूपनारायण एक्का के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (BNS) की निम्नलिखित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है:

👮‍♂️धारा 299 (सार्वजनिक शांति भंग करना): यदि कोई व्यक्ति किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की नीयत से ऐसा कार्य करता है जिससे सामाजिक वैमनस्य या सार्वजनिक शांति प्रभावित होती है, तो यह धारा लागू होती है।

👮‍♂️धारा 353(2) (सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देना): यदि कोई व्यक्ति धर्म, जाति या समुदाय के आधार पर जानबूझकर द्वेष उत्पन्न करने अथवा शत्रुता फैलाने का प्रयास करता है, तो उस पर यह धारा लगाई जाती है।


पूर्व में भी हैं चार आपराधिक मामले दर्ज


पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, रूपनारायण एक्का के विरुद्ध पूर्व में भी चार आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें अधिकांश प्रकरण सामाजिक तनाव व सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने से जुड़े हैं।

त्रिशोढ में भड़काऊ भाषण देने पर पहले ही भेजा जा चुका है जेल


इसके अतिरिक्त, 30 अप्रैल 2025 को रूपनारायण एक्का को थाना पत्थलगांव अंतर्गत ग्राम त्रिशोढ में एक सार्वजनिक सभा के दौरान भड़काऊ भाषण देने और शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने के मामले में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। इस मामले में उनके खिलाफ BNS की निम्नलिखित धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई की गई:

👮‍♂️धारा 121(1) (राजद्रोह): यदि कोई व्यक्ति सरकार के विरुद्ध हिंसा या असंतोष भड़काने का प्रयास करता है, तो यह धारा लगती है।

👮‍♂️धारा 132 (शासकीय कार्य में बाधा): किसी सरकारी कर्मचारी के कार्य में जबरदस्ती या हिंसा के माध्यम से व्यवधान उत्पन्न करना इस धारा के अंतर्गत आता है।

👮‍♂️धारा 221 (विधि व्यवस्था भंग करना): यदि कोई व्यक्ति भीड़ को उकसाकर हिंसा फैलाता है, तो उस पर यह धारा लगाई जाती है।

👮‍♂️धारा 223 (सार्वजनिक उपद्रव का दुष्प्रचार): किसी सार्वजनिक मंच से लोगों को भड़काकर उपद्रव फैलाना इस धारा में शामिल होता है।


पुलिस जांच जारी, समाज में रोष


फिलहाल पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए विस्तृत जांच प्रारंभ कर दी है। वहीं ब्राह्मण समाज समेत अन्य सामाजिक संगठनों में भी इस घटना को लेकर तीव्र प्रतिक्रिया देखी जा रही है।

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