फूड इंस्पेक्टर सोनी ने पार की भ्रष्टाचार की सारी हद हर साल का हर दुकान से बांधा हुआ है कमीशन वसूली के लिए रखा हुआ है दलाल
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अमानक खाद्य पदार्थ के सेवन से हो रहे आमजन बीमार

अनुपपुर जिले के फूड विभाग के फूड इंस्पेक्टर आर के सोनी
अनुपपुर की प्रत्येक किराना प्रत्येक डेरी प्रत्येक मिठाई एवं अन्य खाद्य पदार्थ बिक्री करने वाली दुकानों से अनुपपुर न आने या उनकी दुकानों पर जांच न करने के एवज में साल का अपना एक कमीशन रेट तय किए हुए है एवं इसकी वसूली के लिए रखा एक अनुपपुर का ही किराना व्यवसाई है जो प्रत्येक 6 माह में 50% राशि लगभग 2000 एक दुकान से एव बाकी 50% 2000 अगले 6 महीने बाद वसूली करता है हम एक छोटा सा उदाहरण लेकर यदि इसे समझते है तो एक दुकान से साल का 4000 एवं अनुपपुर में लगभग 500 दुकानें तो 500 गुड़ा 4000 मतलब
20 लाख रुपए सिर्फ जिला मुख्यालय से बाकी तहसीलों से अलग इतने रुपए का लगभग प्रति वर्ष कमीशन सोनी जी डकार रहे है ।
यही कारण है कि फूड इंस्पेक्टर सोनी जी साल में सिर्फ 2 बार ही अनुपपुर में दर्शन देते है और एक दो दुकानों में सेंपल लेने की खाना पूर्ति करते है जिससे समय पर उनके दलाल को उनकी तय कमीशन की राशि नहीं दी उन पर जुर्माना लगाया जाता है और जिसने दे दी वहां से सेंपल तक नहीं लिया जाता है ।
फूड इंस्पेक्टर के इस कमीशन के खेल में सिर्फ और सिर्फ आम
जन का ही नुकसान हो रहा है जिससे आमजन को मिलावटी खाद्य पदार्थ बाजार में मिल रहे है , जिसके दुष्प्रभाव से कई प्रकार की गंभीर बीमारियां पनप रही है एवं कई को तो इन मिलावटी खाद्य पदार्थ का सेवन करने के कारण अल्सर कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियां हो जाती है जिससे उनकी जान तक चली जाती है पर इससे सोनी जी को क्या सोनी जी को तो अपने कमीशन के कई लाख रूपयों से मतलब है कोई मरता है तो मरे इनको यह नौकरी मिली थी खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच कर उसे बाजार से हटाने की पर ये तो सिर्फ अपनी जेब भरने में लगातार लगे हुए है । अभी हमने सिर्फ जिला मुख्यालय का ही एक उदाहरण दिया है
आपको जानकारी होनी चाहिए कि इनके पास शहडोल जिले का भी प्रभार है अब आप अंदाज लगा सकते है कि इनकी एक वर्ष की काली कमाई कितनी होगी और इन्होंने कितने अमानक खाद्य पदार्थ बाजार में बिक्री होने दिए होंगे और इस अमानक खाद्य पदार्थ ने कितनो की जान संकट में डाली होगी ।।।
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