टावर लाइन से प्रभावित किसानों ने मुआवजे के लिए जिला कलेक्टर से लगाई गुहार
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टावर लाइन से प्रभावित किसानों ने उच्च न्यायालय के फैसले के बाद सतना कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में मुख्य रूप से कलेक्टर न्यायालय द्वारा पूर्व में दिए गए निर्देशों के परिपालन कराने की बात कही गई है,
किसानों का कहना है कि एक दशक पहले पावर ग्रिड द्वारा विभिन्न क्षमताओं वाली टावर लाइने बिछाई गई थी जिसमें किसानों को उनकी जमीन की क्षति की भरपाई उचित रूप से नहीं की गई थी ।
जिसके विरोध में किसानों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था जिसमें उच्च न्यायालय ने तत्कालीन कलेक्टर संतोष मिश्रा जी को आदेश दिया था कि किसानों को उनके हक का उचित मुआवजा दिलवाया जाए, जिसके परिपालन हेतु कलेक्टर ने टीम गठित करके 12 लाख रुपए प्रति टावर और 3000 रुपए रनिंग मीटर के हिसाब से मुआवजा देने की घोषणा की थी ।

जिस हिसाब से कुछ किसानों को इसी दर से मुआवजा मिला, लेकिन बहुतायत संख्या में किसानों को मुआवजे से वंचित रखा गया था।
वंचित किसानों ने जब बार-बार न्याय की गुहार लगाई तब कलेक्टर न्यायालय द्वारा 2 नवंबर 2021 को भुगतान हेतु पुनः आदेश किया गया था जिस पर पावर ग्रिड कंपनी द्वारा उच्च न्यायालय में रिट याचिका क्रमांक 9744/ 2022 लगाई गई जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने दिनांक 2 अप्रैल 2025 को अंतिम सुनवाई करते हुए पावर ग्रिड द्वारा लगाई गई रिट याचिका खारिज कर दी गई, तथा कलेक्टर द्वारा दिए गए आदेश को सही माना गया है।
अब देखना है कि क्या तत्कालीन कलेक्टर साहब मामले को गंभीरता से लेते हुए किसानों को उनके हक का मुआवजा दिलवा पायेंगे या नहीं। क्योंकि किसानों का संघर्ष दशकों से चला आ रहा है विभिन्न तरीकों से किसान अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं अपनी जमीन की क्षति की क्षतिपूर्ति के लिए भोपाल तक पैदल मार्च किया है। सैकड़ो हजारों किसान आखिर कब तक अपनी ही जमीन की क्षति की भरपाई के लिए भटकेंगे? कब मिलेगा किसानों को उनके हक का उचित मुआवजा।
ज्ञापन देने में मुख्य रूप से अमित गौतम ,अनूप तिवारी, सुरेंद्र तिवारी, अरुण पांडे, जितेंद्र राय ,गोविंद कुशवाहा, रामनरेश कोल,सत्यभामा कोल, विष्णु तिवारी दीपू, कैलाश कोल ,मोतीलाल प्रजापति, प्रेमचंद कुशवाहा, द्वारिका कुशवाहा, दयाराम कोरी ,सहित सैकड़ो किसान उपस्थित रहे।
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