July 20, 2025

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पत्रकार पर हमला, लोकतंत्र पर हमला है — सिमरिया प्रकरण में शर्मनाक हरकत, राज्यपाल तक पहुँचा पत्रकार का न्याय गुहार

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📌 शिवपुरी, मध्यप्रदेश | दिनांक 19 जुलाई 2025
विशेष रिपोर्ट | प्रेस स्वतंत्रता संकट में

शिवपुरी जिले के नरवर जनपद की ग्राम पंचायत सिमरिया में पत्रकार के साथ हुई घिनौनी और लोकतंत्र विरोधी घटना ने शासन-प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। आरटीआई एक्ट के तहत सूचना मांगने वाले पत्रकार कमर अहमद खान के साथ जो कुछ हुआ, वह न केवल एक कानूनी अधिकार पर हमला है, बल्कि पत्रकार सुरक्षा कानून की तत्काल आवश्यकता को भी उजागर करता है।

📍 क्या है मामला?

एमकेएन न्यूज़ से जुड़े पत्रकार कमर खान ने 4 दिसंबर 2024 को ग्राम पंचायत सिमरिया में नाली निर्माण कार्यों में गड़बड़ी की आशंका पर सूचना अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगी थी। पंचायत सचिव निर्भय रावत बार-बार अनुरोध के बाद भी जानकारी देने से टालमटोल करते रहे।

8 जुलाई 2025 को सूचना देने के बहाने बुलाया गया। लेकिन पत्रकार के अनुसार, रास्ते में ही उन्हें सरपंच ऊषा रावत के पुत्र शैलेन्द्र रावत और अन्य अज्ञात लोगों ने नहर पुलिया के पास घेर लिया, मोबाइल व चाबी छीन ली, जातिगत अपमान किया गया, जान से मारने की धमकी दी गई और झूठे दस्तावेज पर जबरन हस्ताक्षर भी करवाए गए जिसमें लिखा था – “सूचना प्राप्त कर ली गई है, अब कोई शिकायत नहीं।”

घटना के बाद उन्हें इमलिया गांव ले जाया गया, जहां धोखे से चाय पिलाई गई और मुंह बंद करने के लिए नगद राशि देने की कोशिश भी की गई — जिसे पत्रकार ने ठुकरा दिया।


🛑 यह हमला सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, पूरे लोकतंत्र की रीढ़ पर है

पत्रकार कमर खान ने इस पूरे मामले की शिकायत राज्यपाल महामहिम मंगुभाई पटेल को ज्ञापन के माध्यम से भेजी है, जिसमें निम्न मांगे की गई हैं:

  • मामले की निष्पक्ष एवं न्यायिक जांच कर दोषियों को कड़ी सजा दी जाए
  • ग्राम पंचायत सिमरिया में पिछले 4 वर्षों के सभी निर्माण कार्यों की जांच हो
  • पत्रकार सुरक्षा कानून को मध्यप्रदेश में लागू किया जाए
  • संबंधित अधिकारियों की कर्तव्य में लापरवाही को लेकर विभागीय कार्रवाई हो

📢 पत्रकारों की सुरक्षा कोई “मदद” नहीं बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की “अनिवार्यता” है

यह घटना पत्रकारों को चुप कराने की कोशिश नहीं, बल्कि एक चेतावनी है —
“अगर सच को उजागर करोगे, तो डराया जाएगा, दबाया जाएगा।”
लेकिन अब समय आ गया है जब शासन को सख्त संदेश देना चाहिए कि —
“पत्रकारों के खिलाफ हिंसा अब बर्दाश्त नहीं होगी”।


🔴 हमारी माँग: इस मामले को “राज्य स्तरीय उदाहरण” बनाया जाए

सभी जिलों में पत्रकार संरक्षण सेल बने
RTI मामलों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाए
ग्राम पंचायतों में हो रहे घोटालों पर स्वतः संज्ञान ले लोकायुक्त
पत्रकारों के साथ हुई घटनाओं को IPC की धारा 353, 504, 506 और SC/ST एक्ट के तहत दर्ज कर त्वरित न्याय हो


🖋️ यह केवल खबर नहीं, पत्रकारिता के सम्मान की आवाज है।
जो आज कमर खान के साथ हुआ, वह कल किसी और के साथ न हो — यही लोकतंत्र की कसौटी है।


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