असिस्टेंट प्रोफेसर सूर्यांकर वर्मा का शोध पत्र प्रकाशित
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श्री रामाकृष्णा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग साइंस एंड मैनेजमेंट करही में कार्यरत सूर्यांकर वर्मा का शोध पत्र प्रकाशित हुआ। सूर्यांकर वर्मा सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। शोध का विषय “एन इन्वेस्टिगेशन इंटू द एक्प्लोरेटरी एनालिसिस ऑफ़ कंक्रीट प्रॉपर्टीज” रहा। इस शोध का लक्ष्य विभिन्न प्रकार के वेस्ट जैसे जैसे टूटा हुआ कांच, सिरेमिक अपशिष्ट, स्टील पाउडर, पुनर्नवीनीकरण स्टील फाइबर, नारियल का खोल, ई-कचरा, पॉलीप्रोपाइलीन फाइबर आदि को कुछ प्रतिशत में उपयोग करके विभिन्न परीक्षणों के बाद यह सुनिश्चित करना था कि इन पदार्थों के उपयोग से ना सिर्फ कंक्रीट की लागत कम होती है बल्कि उसकी सामर्थ्य भी बनी रहती है साथ ही पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य की पूर्ति भी होती है। इन्होंने अपनी सफलता का श्रेय मातापिता गुरुजनों और साथी प्राध्यापकों को दिया।
सूर्यांकर का कहना है कि सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विद्यार्थियों के लिए अपार संभावनाएं हैं। समय के साथ कंस्ट्रक्शन टेक्निक और मटेरियल में हो रहे नए बदलावों पे काम किया जाए तो भविष्य में हम इससे बेहतर और उन्नत निर्माण कार्य को कर पाएंगे जो किफायती होने के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य को पूरा करेंगे।
इस अवसर पर संस्था प्रमुख शम्मी पुरी जी ने सूर्यांकर के कार्यों की प्रशंसा की। डायरेक्टर टेक्निकल विंग करही डॉ अग्निवेश अग्निहोत्री ने कहा कि एक शिक्षक के लिए शोध कार्य उसके अनुभव और कुछ नया सीखने की ललक को दर्शाता है। संस्था सभी शिक्षकों को शोध कार्य के लिए प्रेरित करती है। सिविल इंजीनियरिंग में हो रहे नवीन शोध को ध्यान में रखते हुए पॉलीटेक्निक(सिविल) और बीटेक(सिविल) के साथ ही रामाकृष्णा कॉलेज में एमटेक(स्ट्रक्चरल)की शिक्षा भी उपलब्ध कराई जा रही है जिसका लाभ विंध्य के विद्यार्थियों को अवश्य होगा। एकेडमिक डायरेक्टर टेक्निकल विंग शुभी खरे, डीन इंजीनियरिंग हायर सेमेस्टर दीपेश निगम, डीन इंजीनियरिंग फर्स्ट ईयर अभय मिश्रा, डीन फार्मेसी डॉ अमित पांडे ने सूर्यांकर की सराहना की।
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