पैसे के आगे नतमस्तक अनुपपुर राजस्व विभाग
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जल श्रोत पर निर्माण कार्य के अलग अलग मापदंड
अमीरों के लिए अलग नियम गरीबों के लिए अलग ।।

अनुपपुर
अनुपपुर जिले का राजस्व विभाग पैसे वाले प्रभावशील व्यक्तियों के आगे नतमस्तक नजर आ रहा है ,ऐसा हम क्यों कह रहे है इसके कई कारण एवं उदाहरण है , जिसमें से एक उदाहरण हम आपके साथ साझा कर रहे है
अनुपपुर जिला मुख्यालय में स्थित पालीटेक्निक कॉलेज के पास एक जल श्रोत साकरिया नाला स्थित है जो तीपन नदी में आ कर मिलता है , इस नाले पर आज अवैध निर्माण कर कर के इसका अस्तित्व ही लगभग मिटा दिया जा रहा है इसके ऊपर अवैध निर्माण के राजस्व विभाग द्वारा दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है
एक तरफ जहां इस नाले के मूल रस्ते को पाट कर उसे सपाट भूमि में परिवर्तित कर दिया गया वही दूसरी तरफ उसके ऊपर लाखों का भवन निर्माण किया गया ये पूरा मामला इस प्रकार है
साकरिया नाला के ऊपर लाखों का मकान बनाने वाले राम चौधरी
जो कि कोल माइंस में कार्यरत है इनके लिए जल श्रोत के ऊपर निर्माण कराना जहां राजस्व विभाग को सही लगा वही दूसरी ओर इन्हीं के बगल में किसानी करने वाले एक गरीब परिवार को नाले के ऊपर से एक खेत से दूसरे खेत में जाने के लिए बिना जल श्रोत को प्रभावित किए पुलिया का निर्माण कराना गैरकानूनी लगा इतना ही नहीं इस गरीब किसान की पुलिया निर्माण पर रोक लगा दी गई और वहीं पैसे की ताकत रखने वाले राम चौधरी जी
ने उसी नाले के ऊपर लाखों का मकान बना शराब ठेकेदार को किराए पर भी दे दिया पर उस अवैध निर्माण पर कोई कारवाही नहीं हुई ,

जबकि नियम स्पष्ट है कि यदि किसी की भूमि से कोई जल श्रोत बह रहा है तो आप उस पर किसी भी प्रकार का कोई निर्माण नहीं कर सकते , पर इस पूरे घटना क्रम में तो नजर ये ही आता है कि यदि आपके पास पैसा है तो आप अनुपपुर के किसी भी जल श्रोत के ऊपर निर्माण कराए राजस्व विभाग आपके लिए अलग कानून बना देगा
इस नाले के ऊपर अवैध निर्माण में सिर्फ और सिर्फ वह गरीब किसान ही परेशान है राजस्व विभाग के रिकार्ड अनुसार उस किसान के हिस्से की जमीन के नक्शे में कही नाला है ही नहीं और जिसके नक्शे में ये नाला है उसने तो उसे पात कर उसका रास्ता ही बदल दिया पर उसपर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई हमारे अख़बार द्वारा इस खबर के प्रकाशन के बाद इस नाले की जांच हुई जांच में नाला पाटा गया इसका पंचनामा भी बनाया गया पर परन्तु इस नाले को यथास्थिति लाने एवं किसान को न्याय दिलाने के लिए कोई कार्यवाही नहीं हुई ।
राजस्व विभाग अनुपपुर सिर्फ इतना बता दे कि अगर जल श्रोत के ऊपर निर्माण गैरकानूनी है तो फिर भूरा सेठ एव राम चौधरी जो नाले का अस्तित्व ही मिटाने में लगे है इनके अवैध कार्य पर कार्यवाही कब होगी या अगर इन पर कार्यवाही नहीं हो सकती तो उस गरीब किसान के निर्माण पर रोक क्यों ?


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