September 3, 2025

Udghosh Samay News

खबर जहां हम वहां

एकेएस प्रोफेसर का नवाचार: स्वचालित क्षारसूत्र निर्माण मशीन को मिला भारतीय पेटेंट

1 min read
Spread the love


सतना | जुलाई 2025, गुरुवार

आयुर्वेदिक चिकित्सा में नवाचार की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए एकेएस विश्वविद्यालय, सतना के प्रोफेसर डॉ. शैलेन्द्र यादव के नेतृत्व में विकसित स्वचालित क्षारसूत्र निर्माण मशीन को हाल ही में भारतीय पेटेंट कार्यालय द्वारा प्रकाशित किया गया है। यह मशीन परंपरागत क्षारसूत्र निर्माण प्रक्रिया को स्वचालित और वैज्ञानिक बनाती है, जिससे आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में नई क्रांति की उम्मीद है।


नवाचार के पीछे चार विद्वानों की टीम

इस शोध परियोजना में चार प्रमुख विशेषज्ञ शामिल रहे –

  • अनंत कुमार सोनी, प्रो-चांसलर, एकेएस विश्वविद्यालय, सतना
  • डॉ. शैलेन्द्र यादव, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, रसायन विभाग, एकेएस विश्वविद्यालय, सतना
  • डॉ. धीरेन्द्र पाल, वरिष्ठ शोधकर्ता, वाराणसी
  • डॉ. दीपक कुलश्रेष्ठ, प्रोफेसर, शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, रीवा

इन विशेषज्ञों की तकनीकी दृष्टि और पारंपरिक चिकित्सा अनुभव ने इस आविष्कार को नया आयाम दिया।


मशीन की विशेषताएं और कार्यप्रणाली

  • क्षार, हरिद्रा (हल्दी) और गुग्गुलु की परतें वैज्ञानिक नियंत्रण के साथ समान रूप से आरोपित होती हैं।
  • समय और श्रम की बचत के साथ उच्च गुणवत्ता का क्षारसूत्र तैयार होता है।
  • गुदा-भगंदर, बवासीर और अन्य शल्य चिकित्सा रोगों के उपचार में अत्यधिक प्रभावी।

पारंपरिक ज्ञान से आधुनिक तकनीक तक

यह मशीन पारंपरिक आयुर्वेदिक क्षारसूत्र निर्माण पद्धति को आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक से जोड़ती है। इसका उद्देश्य आयुर्वेद को वैश्विक मंच पर वैज्ञानिक विश्वसनीयता के साथ प्रस्तुत करना और “आत्मनिर्भर भारत” अभियान को मजबूती देना है।


भविष्य की संभावनाएं

यह पेटेंट भारतीय चिकित्सा अनुसंधान को नई दिशा देगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे आयुर्वेदिक उपचार की सटीकता और अंतरराष्ट्रीय मान्यता में वृद्धि होगी।



About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WhatsApp