पत्थलगांव में भीषण एक्सीडेंट के बाद एम्बुलेंस फंसी अस्पताल गेट पर – गाड़ियों की अराजकता के बीच SDOP श्री धुर्वेश जायसवाल की तत्परता बनी राहत की मिसाल
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पत्थलगांव | 22 जुलाई 2025
आज पत्थलगांव से फुलेता मार्ग पर एक बड़ा सड़क हादसा हुआ, जिसमें बाइक और ट्रक की टक्कर में बाइक सवार दीपक लकड़ा और राहुल लकड़ा, निवासी सुंदर दिहारी (अंबिकापुर) गंभीर रूप से घायल हो गए।
स्थानीय ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए 108 एम्बुलेंस सेवा को बुलाया और घायल युवकों को पत्थलगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। लेकिन अस्पताल पहुँचते ही एक और बड़ा संकट एम्बुलेंस के सामने खड़ा हो गया।
❌ अस्पताल के गेट पर ‘प्राइवेट पार्किंग’ का अड्डा – एम्बुलेंस को अंदर जाने में बाधा
108 एम्बुलेंस अस्पताल के सामने पहुंची, लेकिन अस्पताल गेट को कई प्राइवेट गाड़ियों ने पूरी तरह से जाम कर रखा था। कुछ वाहन चालकों के बारे में बताया गया कि वे सामने बने सिनेमाघर में फिल्म देखने गए थे, जबकि उनकी गाड़ियाँ गेट के बिल्कुल सामने खड़ी थीं।
परिणामस्वरूप एम्बुलेंस को सड़क पर तिरछा खड़ा करना पड़ा, और गंभीर रूप से घायल मरीजों को वहीं से स्ट्रेचर पर लादकर अस्पताल के भीतर ले जाया गया।
🧾 108 एम्बुलेंस चालक कन्हैया कुर्रे का गवाहीभरा बयान
108 एम्बुलेंस के चालक कन्हैया कुर्रे ने हमारी टीम को बताया –
“साहब, ये रोज़ की कहानी है। अस्पताल के गेट पर हमेशा गाड़ियाँ खड़ी रहती हैं। कई बार हमें मरीज को सड़क पर ही उतारना पड़ता है, और कोई सुनवाई नहीं होती।”
🧑⚕️ बीएमओ डॉक्टर जेम्स मिंज ने भी जताई लाचारी
जब इस स्थिति के बारे में ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी (BMO) डॉ. जेम्स मिंज से बात की गई, तो उन्होंने कहा –
“हमने गेट पर पार्किंग कंट्रोल के लिए एक गार्ड तैनात किया है, लेकिन लोग उसे डरा-धमका कर जबरदस्ती अपनी गाड़ियाँ वहीं खड़ी कर देते हैं।”
यह बयान दर्शाता है कि अस्पताल प्रशासन ने प्रयास तो किए, लेकिन लोगों की लापरवाही और अराजक रवैये ने सारी व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया।
🚨 SDOP श्री धुर्वेश जायसवाल की तेज़ कार्रवाई
घटना की सूचना पर पत्थलगांव SDOP श्री धुर्वेश जायसवाल के आदेश पर यातायात आरक्षक संतोष कुमार महज कुछ ही मिनटों में ट्रैफिक टीम मौके पर पहुंची और अवैध पार्किंग पर कार्रवाई की।
SDOP श्री जायसवाल की तत्परता और संवेदनशील निर्णय-शक्ति इस पूरे घटनाक्रम में प्रशंसा के योग्य रही। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए सख्त दिशा-निर्देश भी दिए जा रहे हैं।
❓ अब सवाल प्रशासन से – क्या ये रोज़ की लापरवाही यूं ही चलती रहेगी?
एम्बुलेंस का रास्ता रोकना, जीवन रक्षक सेवा को बाधित करना सिर्फ लापरवाही नहीं, एक अपराध है।
अब समय है कि केवल चेतावनियों से नहीं, ठोस और सख्त व्यवस्था से इस अराजकता का इलाज किया जाए।
✅ मांगे जो अब टाली नहीं जा सकतीं:
- अस्पताल के गेट को “नो पार्किंग – नो टॉलरेंस ज़ोन” घोषित किया जाए
- गेट पर स्थायी पुलिस कर्मी की तैनाती हो
- सीसीटीवी और तत्काल चालान प्रणाली लागू की जाए
- एम्बुलेंस के लिए विशेष चिन्हित प्रवेश मार्ग बनाया जाए
- गार्ड की सुरक्षा सुनिश्चित कर उसे प्रभावी अधिकार दिए जाएँ
🛡️ SDOP श्री धुर्वेश जायसवाल जैसे अधिकारी ही बदलाव की उम्मीद हैं
जहाँ कई लोग इस अराजकता को ‘नियमित बात’ मान चुके हैं, वहीं SDOP श्री जायसवाल जैसे अधिकारी इस सोच को बदल रहे हैं। उनकी त्वरित प्रतिक्रिया और समस्या को प्राथमिकता देना यह दर्शाता है कि जब इच्छा हो, तो सुधार संभव है।
📢 संदेश स्पष्ट है — अस्पताल का गेट जान बचाने का रास्ता है, वहाँ आपकी गाड़ी नहीं, संवेदना होनी चाहिए।




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