“लैलूंगा में पत्रकार को धमकी: ‘ठोक देंगे’ की चेतावनी, जान से मारने की आशंका – पुलिस जांच की मांग”
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🛑 लैलूंगा में लोकतंत्र पर सवाल – पत्रकार को धमकी, जान से मारने की आशंका!
खबर छापने पर “ठोक देंगे” की चेतावनी, पत्रकार ने दर्ज कराई शिकायत, जांच की मांग
📍 रायगढ़ | विशेष रिपोर्ट – उद्घोष समय
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के लैलूंगा से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक पत्रकार को खबर प्रकाशित करने से रोकने के लिए कथित रूप से धमकियाँ दी गईं।
पत्रकार चंद्रशेखर जायसवाल, प्रेस क्लब लैलूंगा के अध्यक्ष हैं। उन्होंने पटवारी संगीता गुप्ता से जुड़ी खबर प्रकाशित करने से पहले उन्हें धमकियां मिलने और संभावित हमले की साजिश की आशंका जताई है।
📞 “खबर छापी तो ठोक देंगे” – पत्रकार को मोबाइल पर कथित धमकी
📅 25 जून 2025, दोपहर 3:01 बजे पत्रकार को एक मोबाइल नंबर (7489711260) से कॉल आता है।
शिकायत के अनुसार, कॉलर खुद को पटवारी संगीता गुप्ता से जुड़ा व्यक्ति बताते हुए कथित रूप से कहता है:
“अगर खबर छापी तो सीधे ठोक देंगे… बहुत दूर नहीं जाना पड़ेगा।”
पत्रकार के अनुसार, इसके बाद उसी नंबर से कई अन्य व्यक्तियों ने भी फोन कर ब्लॉक ऑफिस के पास बुलाकर हमला करने की धमकी दी।
🧾 पत्रकार की शिकायत में नामित व्यक्ति (जांच लंबित):
पत्रकार द्वारा दर्ज शिकायत में जिन नामों का उल्लेख किया गया है, वे निम्न हैं:
- संजय भगत – पटवारी
- योगेन्द्र सोनवानी
- राजेश शर्मा – ग्राम रगड़ी
- स्तुघन भगत – ग्राम झरण
- राहुल सारथी – इंद्रानगर
⚠️ नोट: इन नामों की *प्रामाणिकता, संलिप्तता अथवा अपराध में सहभागिता की पुष्टि पुलिस जांच के उपरांत ही होगी।
अभी यह एकतरफा आरोप हैं, जिन पर कानूनी प्रक्रिया के अनुसार विवेचना की जा रही है।
❓ क्या है पत्रकार की खबर, जिससे उठा विवाद?
पत्रकार द्वारा संदेह व्यक्त किया गया है कि संबंधित खबर राजस्व, भूमि या प्रशासनिक प्रक्रिया से जुड़ी हो सकती है, जिसे सार्वजनिक करने से रोकने हेतु यह दबाव बनाया गया।
हालांकि संबंधित पक्ष (पटवारी संगीता गुप्ता) की ओर से अब तक कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
🚔 पुलिस जांच की प्रतीक्षा, कार्रवाई अभी स्पष्ट नहीं
थाना लैलूंगा में इस शिकायत के आधार पर प्राथमिक जांच शुरू हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई एफआईआर की प्रति या गिरफ्तारी की पुष्टि सार्वजनिक रूप से नहीं हुई है।
पत्रकार संगठनों ने प्रशासन से पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
🗣️ पत्रकार संगठनों की प्रतिक्रिया:
लैलूंगा प्रेस क्लब एवं रायगढ़ जिला पत्रकार संघ ने इस घटना को पत्रकारिता की स्वतंत्रता के लिए चिंताजनक संकेत बताया है।
उनकी मांग है कि:
“48 घंटे के भीतर आरोपियों के विरुद्ध निष्पक्ष कार्रवाई की जाए, अन्यथा जनआंदोलन की चेतावनी दी जाती है।”
💬 चंद्रशेखर जायसवाल का बयान:
“मैंने लिखित शिकायत दी है और कानून में भरोसा है। यह सिर्फ मेरी सुरक्षा का मामला नहीं, बल्कि पत्रकारिता की गरिमा की रक्षा का सवाल है।”
⚖️ निष्कर्ष:
यह घटना पत्रकार सुरक्षा, प्रशासनिक जवाबदेही और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। लेकिन किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले पुलिस जांच की निष्पक्ष प्रक्रिया और सभी पक्षों की सुनवाई आवश्यक है।
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