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एकेएस विश्वविद्यालय सतना मे तीन दिवसीय कत्थक कार्यशाला का समापन।

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उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत महाविद्यालय का आयोजन।

सतना। शुक्रवार। 6 जून। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के कलामंच में विश्व विख्यात कथक नृत्यांगना विद्याहरि देशपाण्डे के मार्गदर्शन मे त्रिदिवसीय कथक नृत्य कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें गणेश भजन, तराना,परन तोडे, तिहाई कवित्त,तीन ताल धमार, नील ताल, आडा चारताल मे नृत्य का प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम के

संचालक उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत महाविद्यालय के रमाकान्त त्रिपाठी रहे और साथी कलाकारों के साथ तबला संगत ऋषभ त्रिपाठी ने की। विश्व विख्यात कथक नृत्यांगना विद्याहरि देशपाण्डे ने समापन अवसर पर 70 छात्राओ  को संबोधित भी किया।उल्लेखनीय है कि विगत 17 वर्षो से निरंतर यह कार्यशाला चल रही है । कथक प्रदर्शन में कहानियाँ आम तौर पर हिंदू भगवान कृष्ण के बारे में होती हैं, और कहानियाँ भागवत पुराण या भारतीय महाकाव्यों जैसे स्रोतों से आती हैं। अभिव्यक्ति का यह रूप ठुमरी और फ़ारसी ग़ज़लों में भी पाया जाता है। कला की बारीकियां सीख रहे साधको को कार्यशाला में नासिक की विद्या हरि देशपांडे दे प्रशिक्षण दे रही हैं। कलाकार कत्थक को और नजदीक से समझ सके और व्यावहारिक पक्षों से रूबरू हों इसलिए तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई । प्रशिक्षिका देशपांडे का कहना है की यहां के प्रशिक्षणार्थियों में इस कला को सीखने का जिस तरह उत्साह है इससे में काफी प्रभावित हूं, सीखने के लिए जरूरी है कि हमारे भीतर जिज्ञासा हो, कोई भी कला हो उसको अपने भीतर उतारने में मेहनत, लगन और धैर्य की जरूरत होती है। कार्यशाला में हम इस कला की गहराई और उसके और भी पक्ष जो आमतौर पर जिनको हम समझ नहीं पाए उनसे परिचित कराने का प्रयास कर रहे हैं। विश्व विख्यात कथक गुरु बिरजू महाराज की शिष्या विद्याहरि देशपांडे का कहना है कि जीवन में कला जरूरी है यह हमारी सोच व्यक्तित्व के दायरे को विस्तार देती है ।

कत्थक शास्त्रीय संगीत की एक ऐसी विधा है जो हमारे संपूर्ण व्यक्तित्व को निखारती है। पहले शास्त्रीय संगीत की यह विधाएं एक खास वर्ग तक सीमित थी अब इसकी पहुंच आम वर्ग तक हो गई है इस विधा को सीखने के लिए किसी गुरु का होना जरूरी है जो हमारी गलतियों में सुधार कर सके।समापन अवसर के मुख्य अतिथि मणिकांत माहेश्वरी,

अनंत कुमार सोनी,डा.व्ही.के.गांधी,अंजनी पाण्डेय, धनराज गुप्ता, विनोद मिश्रा, संध्या गांधी,साधना सोनी,वंदना अग्रवाल, राधा सिंह,अशोक वसानी, प्रीती सिंह,ऋषभ त्रिपाठी, हेमन्त गौतम,सोनल वसानी, छाया वसानी, प्रिया वर्मा,सुकृति सोनी उपस्थित रहे। सभी प्रतिभागियों को कत्थक नृत्य कार्यशाला का प्रमाण पत्र अतिथियों द्वारा प्रदान किया गया।

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