कुनकुरी में मेडिकल शिक्षा के नाम पर महाघोटाला, नगर पंचायत अध्यक्ष के छापे में फर्जीवाड़ा उजागर
1 min read
कुनकुरी: जशपुर जिले के कुनकुरी में मेडिकल शिक्षा के नाम पर एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है।
(सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार) नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील के औचक निरीक्षण में साध्य पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस कॉलेज द्वारा छात्रों के भविष्य के साथ किए जा रहे खिलवाड़ का पर्दाफाश हुआ है। संस्थान द्वारा निर्धारित परीक्षा केंद्रों को बदलकर एक निजी कार्यालय में अवैध रूप से परीक्षा आयोजित कराई जा रही थी।

निर्धारित परीक्षा केंद्र बदलकर निजी कार्यालय में परीक्षा:
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, साध्य पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस कॉलेज की परीक्षाएं मूल रूप से स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय, कुनकुरी और महारानी लक्ष्मीबाई शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जशपुर में आयोजित होनी थीं। हालांकि, इन निर्धारित केंद्रों को अचानक बदल दिया गया और छात्रों को सूचित किए बिना एक निजी कार्यालय में परीक्षा आयोजित की जा रही थी।
नगर पंचायत अध्यक्ष के छापे में खुला फर्जीवाड़ा:
सुबह लगभग 10 बजे नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील को इस फर्जीवाड़े की सूचना मिली। सूचना मिलते ही उन्होंने तत्काल मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। वहां का दृश्य चौंकाने वाला था, जहां कुछ छात्र पहले से परीक्षा दे रहे थे, जबकि अन्य छात्र-छात्राएं भटकते हुए उस निजी कार्यालय में प्रश्नपत्रों का इंतजार कर रहे थे। इस घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय मीडिया भी मौके पर पहुंच गई, जिसके सवालों से घबराकर संस्थान के पदाधिकारी और कर्मचारी कैमरे से बचते हुए वहां से निकल गए।
आक्रोशित छात्राओं ने थाने में दर्ज कराई शिकायत:
इस फर्जीवाड़े से आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने कुनकुरी थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में उन मोबाइल नंबरों का भी उल्लेख किया गया है, जिनके माध्यम से छात्रों को परीक्षा स्थल बदलने की सूचना दी गई थी। छात्राओं ने संस्थान के पदाधिकारियों पर धोखाधड़ी और भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है।
नगर पंचायत अध्यक्ष ने जताई गहरी नाराजगी, उच्चस्तरीय जांच की मांग:
नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील ने इस पूरे मामले पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री के गृह जिले में आदिवासी, पिछड़े और गरीब बच्चों के भविष्य के साथ इस तरह का भद्दा मजाक किया जा रहा है। दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए और पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच आवश्यक है।”
उठ रहे हैं गंभीर सवाल:
इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनका जवाब मिलना अभी बाकी है:
* यह फर्जीवाड़ा किसके संरक्षण में चल रहा था?
* बिना प्रशासनिक अनुमति के परीक्षा केंद्र कैसे बदला गया?
* छात्रों को गुमराह कर उनके करियर से खिलवाड़ क्यों किया गया?
यह मामला सिर्फ एक संस्थान की गड़बड़ी नहीं है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल उठाता है। यदि इस महाघोटाले के दोषियों पर त्वरित और कठोर कार्रवाई नहीं की जाती है, तो न केवल छात्रों का भविष्य अंधकारमय होगा, बल्कि शिक्षा व्यवस्था से लोगों का विश्वास भी उठ जाएगा। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस गंभीर मामले में प्रशासन क्या कदम उठाता है और कब तक छात्रों को न्याय मिलता है।