अच्छे व्यक्तित्व वाले लोगों को गिराने की बजाय गिरे हुये दीन दुखियों को सहारा देकर उठाये
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श्री झूलेलाल मंदिर में चल रहे शिव महापुराण के द्वितीय दिवस पर कथा व्यास पूज्य श्री अशोक वाजपेयी जी ने अपने प्रवचनों में यह बताने की कोशिश की,जो लोग अपने जीवन में धार्मिक,सामाजिक,अच्छे संस्कारों का समावेश करते हुये ऊचे मुकाम पर पहुंचते है उनके मनोबल को बढ़ाये व समाज के दीन दुःखी जो अपनी आर्थिक,शारीरिक,मानसिक स्तिथि के कारण गिरे हुये है उन्हें सहारा देकर अपने मानव जीवन का उदेश्य पूरा करे,क्योकि दिन दुखियो की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता,वाजपेयी जी ने यह भी समझाने की कोशिश की कि मनुष्य को अभिमानी नहीं स्वाभिमानी बनना चाहिये,अगर अभिमानी बनाना भी है तो प्रभु शिव की तरह बने जो अपनी शक्तियों का प्रयोग मानव और ब्रह्माण्ड हित के लिये किया करते है,कथा व्यास जी ने नारद प्रसंग,लिग्डार्चन विधान की कथा का विस्तृत जानकारी दी,महराज जी की प्रवचन शैली से उपस्थित श्रोता भक्त अति प्रभावित होते हुये मंत्र मुग्ध हुये,आज कथा के दौरान ऐसा लग रहा था पूरा सभागार हर हर महादेव के रंग में रंग गया था

आज की कथा में जजमान बनकर स्व.घनश्याम दास वाधवानी व डा.शीरु मल भोजवानी परिवार के सदस्य श्रोता गण में शामिल हुये
आज मन्दिर के परम श्रद्धेय सन्त समाना राम जी के अलावा ठाकुर दास,श्रीचन्द,प्रेम चन्द,मनोहर वाधवानी उपस्थित थे,
सामाजिक व्यक्तियों में शामिल वरिष्ठ श्रोता भक्तों का श्री झूलेलाल मंडली व वीनस परिवार के सदस्यों ने ओम नमः शिवाय का शुभ दुपट्टा पहनाकर सम्मान किया सम्मानित लोगों में श्री अतुल दुबे,रामचन्द पंजवानी,गोपी कापड़ी,ज्ञानचन्द हासवाणी,सत्यनारायण त्रिपाठी,मनोहर आर्त्तानी,गंगाराम होतवानी,राजू सचदेव,पीतांबर सुखेजा,मनोहर बसंतानी,हरि प्रसाद गोस्वामी,किशन खिलवानी,अशोक दौलतानी,अशोक रामरायका,लख्मी चंद पुरस्वानी,इन्द्र लाल कापड़ी,दिनेश त्रिपाठी,रामचन्द चंदानी,जगदीश सोनी,चेलाराम वाधवानी,राजेन्द्र मनवानी,रावल दास कापड़ी,प्रताप भाटिया,कमल कापड़ी,संजय वाधवानी,
आज भारी संख्या में मातृशक्तियां भी श्रोता समूह में शामिल थी*पुराण के विश्राम उपरान्त आरती कर भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया
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