देर रात रिहा हुए गिरफ्तार आउटसोर्स, अस्थाई कर्मचारियों के नेता
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नियमितीकरण के लिए तेज करेंगे संघर्ष, नौकरियों में लागू आउटसोर्स अस्थाई प्रथा को कराएंगे बंद: डॉ अमित सिंह
⚫ 15 अप्रैल को जिलों में रैलियां और ग्यापन
⚫ 1 मई को संभागीय स्तर पर धरना प्रदर्शन
⚫ विधानसभा ग्रीष्मकालीन सत्र के पहले दिन भोपाल में होगा क्रांति आंदोलन

सतना/भोपाल। नौकरियों में लागू आउटसोर्स,अस्थाई प्रथा के खिलाफ एवं अंशकालीन,पंचायत चौकीदारों को न्यूनतम वेतन दिलाने के लिए चल रहे आंदोलन के तहत 9 मार्च को दो दिवसीय “कामगार क्रांति आंदोलन” में शामिल होने भाजपा कार्यालय पहुंचकर अपनी बात करने के लिए हजारों की संख्या में प्रदेशभर से कर्मचारी भोपाल पहुंचे, जिनमें स्कूलों छात्रावासों के अंशकालीन अस्थाई कर्मचारी, ग्राम पंचायतों के चौकीदार, चपरासी, पंप आपरेटर, स्वास्थ्य विभाग से निकाले गए टेलीमेडिसन एवं आउटसोर्स कर्मचारी शामिल रहे। प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं देने के बाद यह कर्मचारी पीसीसी के सामने इंदिरा जी की प्रतिमा पर एकत्रित हुए और यहां से जुलूस लेकर भाजपा कार्यालय के लिए रवाना हुए, व्यापम चौराहे पर जुलूस को रोक लिया गया, जहां धरना शुरू हुआ। आंदोलनकारी कर्मचारी मुख्यमंत्री एवं भाजपा अध्यक्ष से मिलकर ग्यापन देने की बात पर अड गए और पुलिस ने बल प्रयोग कर आंदोलनकारी वासुदेव शर्मा, उमाशंकर पाठक दतिया,राजभान रावत,नत्थूलाल कुशवाहा सतना, शिवेंद्र पांडे रीवा,मंजीत गोस्वामी खरगोन, रोहित मरावी डिंडोरी, प्रेमलाल कुशवाह मैहर,चंद्र शेखर दहयत पन्ना, लालचंद्र राजगढ, मिलता मौर्य, मणिलाल दारिया, विनोद नामदेव, बुद्ध लाल चौधरी, कमलेश सौन, गली राम मुरली, राजभान चौधरी, किशोरी लाल चौधरी, विवेक सेन, राहुल प्रसाद, सौरभ त्रिपाठी, सेवक राम बैगा सहित 22 नेताओं को गिरफ्तार कर खजूरी थाने में बंद कर दिया। सैकडों कर्मचारी गिरफ्तार नेताओं की रिहाई की मांग करते हुए पीसीसी के सामने ही धरने पर बैठे रहे, जिसके बाद उन्हें देर शाम रिहा किया। रिहा होने के बाद धरने पर बैठे कर्मचारियों के बीच पहुंचे नेताओं ने बैठक कर गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदेश भर में आंदोलन करने का निर्णय लिया।
कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमित सिंह ने कहा कि भोपाल पहुंचकर हक और अधिकार की बात करना भी अब अपराध हो गया है, पहले तो आंदोलन की अनुमति नहीं मिलती जिससे लगता है राजधानी सिर्फ नेताओं, विधायकों, मंत्रियों के लिए ही हैं, यहां पीड़ित प्रताड़ित वंचित लोग अपनी बात नहीं कर सकते और यदि करने की कोशिश करते हैं तो गिरफ्तार कर लिया जाता है जैसा आज किया गया। डॉ सिंह ने कहा कि सरकार के इस रवैये के खिलाफ संघर्ष जारी रखने की जरूरत है, हम लोग नौकरियों में लागू आउटसोर्स अस्थाई प्रथा का अंत कराने एवं नियमितीकरण के लिए संघर्ष करेंगे, जिसके तहत15 अप्रैल को जिलों में रैलियां और ग्यापन दिए जाएंगे,1 मई को संभागीय स्तर पर धरना प्रदर्शन करेंगे और विधानसभा के ग्रीष्मकालीन सत्र के पहले दिन फिर भोपाल में क्रांति आंदोलन करेंगे और सरकार से कहेंगे कि हम लोग चुप चाप बैठकर अन्याय सहन करने के लिए तैयार नहीं है।