अमर ज्योति की प्रेरणा से 80 वर्षीय सावित्री सिंह ने लिया देहदान का संकल्प
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सतना गोबराव खुर्द, तहसील उचेहरा, सतना निवासी *80 वर्षीय श्रीमती सावित्री सिंह* जी ने “*अमर ज्योति*” की प्रेरणा से मरणोपरांत देहदान का संकल्प लिया, जिससे मेडिकल कॉलेज के छात्र अध्ययन कर सकें। उनके इस निर्णय से समाज में मानवता और सेवा की एक नई मिसाल कायम हुई है।
शरीर राख में मिलने से बेहतर, किसी के काम आए – सावित्री सिंह
श्रीमती सावित्री सिंह जी ने कहा, “मेरा मन कई सालों से था कि मैं कुछ ऐसा करूं जिससे समाज को लाभ मिले। राख में मिलने से इस शरीर का कोई अर्थ नहीं। यदि यह देश के भविष्य, मेडिकल कॉलेज के छात्रों के अध्ययन में काम आ सके, तो यह मेरा सौभाग्य होगा।”
मानवता की सेवा में देहदान – एक प्रेरणादायक पहल
संयोजक श्री मनोहर डिगवानी ने कहा कि देहदान मानवता की सेवा का सर्वोत्तम दान है, जिससे मेडिकल छात्रों को अध्ययन का अवसर मिलता है। हजारों में से मुश्किल से एक या दो लोग ही देहदान का संकल्प लेते हैं।
श्यामलाल गुप्ता श्यामू एवं विनोद गेलानी ने बताया कि “अमर ज्योति” नेत्रदान के साथ-साथ देहदान की अलख भी जगा रहा है। अब तक 46 लोग मरणोपरांत देहदान का संकल्प ले चुके हैं और यह 47वां संकल्प है, जबकि 2️⃣ देह मेडिकल कॉलेज को सौंपे जा चुके हैं।
सावित्री सिंह जी का यह निर्णय समाज को देहदान के महत्व को समझाने और जरूरतमंद छात्रों को शिक्षा में सहयोग देने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल है।
इस दौरान बी एल पटेल पुष्पेंद्र सिंह ममता सिंह मनोहर डिगवानी कमल पुरुस्वानी विनोद गैलानी श्याम लाल गुप्ता श्यामू हरिओम गुप्ता जेठानंद वाधवानी मनीष सादानी विपुल हांडा अशोक खानेचा उपस्थित रहे