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March 15, 2025

Udghosh Samay News

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वॉइस कॉल से डाटा काल तक का सफर जबलपुर में मोबाइल आए 25 वर्ष पूर्ण (दीपक सेठी)

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जबलपुर में मोबाइल फोन को आए अभी जनवरी 2025 को 25 वर्ष पूरे हुए,
       एक वह जमाना था जब फोन सुनने के साढे सात रुपए लगते थे, कॉल करें या सुने टैरिफ प्लान बराबर का होता था, टैरिफ प्लान के रेट पर प्रति मिनट से टैरिफ चार्ज लगता था, 1 मिनट 1 सेकंड हो जाने पर भी 2 मिनट का चार्ज ले लिया जाता था,

मिस्ड कॉल का था जमाना महंगी सर्विसेज होने के कारण लोग मिस्ड कॉल किया करते थे

जबलपुर में सर्व प्रथम मोबाइल फोन के सिम कार्ड सर्विस रिलायंस टेलीकॉम ने स्मार्ट सिम कार्ड के नाम से चालू की गई थी, जो अनिल अंबानी की कंपनी थी, जबलपुर के प्रथम डिस्ट्रीब्यूटर्स स्वयं सेलकॉम श्री स्वयं नारंग जी द्वारा की गई थी, इसी समय पर रिलायंस सिम स्मार्ट कार्ड के डिस्ट्रीब्यूटर्स श्री शेखर अग्रवाल जी भी इसी व्यापार में थे, यह व्यवसाय जबलपुर में दो भागों में बाटा गया था, आधा जबलपुर का एरिया एक डिस्ट्रीब्यूटर एवं आधा बचा हुआ दूसरा एरिया दूसरा डिस्ट्रीब्यूटर्स के द्वारा किया जाता था,
इसी समय से मोबाइल हैंडसेट उपलब्ध करने की शुरुआत दीपक इलेक्ट्रॉनिक्स, शास्त्री ब्रिज, मॉर्डन रोड स्थित दुकान के संचालक हरीश सेठी, दीपक सेठी के द्वारा कराई गई,
इसके बाद व्यापार में कई अन्य दुकानें भी खुलना शुरू हो गई थी, अनिल अंबानी की कंपनी के बाद कई कंपनियां आई जैसे कि आरपीजी सेल्यूलर यह कंपनी के सिम कार्ड विंग्स के नाम से आते थे, फिर विंग्स का नाम बदलकर आइडिया हुआ, कुछ समय बाद बीएसएनल, एयरटेल, टाटा डोकोमो, एयरसेल, वोडाफोन, जैसी कंपनियां आई,

समय बदला हालात बदले आज की न्यू पीढ़ी को तो पता ही नहीं मोबाइल के शुरुआती युग के बारे में,

इसी तरह से मोबाइल हैंडसेट की कई कंपनियां आई जो आज के नवयुग के लोग को पता ही नहीं है, उन्होंने तो ऐसे मोबाइल भी शायद ही देखे होंगे जो शुरुआती दौर पर आते थे, जैसे कि शुरुआती तौर पर सिर्फ की पैड मोबाइल्स आते थे, जिससे आप सिर्फ बात कर सकते थे, एवं एसएमएस द्वारा अपने संदेश भेज सकते थे, शुरुआती दौर से अभी तक कई मोबाइल हैंडसेट बनाने वाली कंपनियां आई और आज उनका नामोनिशान भी नहीं है,

मोबाइल हैंडसेट की शुरुआती दुनिया में नंबर वन नोकिया थी, अब कई कंपनियों ने अपना मार्केट शेयर बड़ा कर आज एक मजबूत स्थिति पर है,

मोबाइल इंडस्ट्रीज में सबसे पहले कीपैड मोबाइल आते थे, जिस पर सबसे बड़ा मार्केट शेयर 95% का नोकिया (Nokia) का होता था, मोटरोला (motorolla), सैमसन (samsung), पैनासोनिक (panasonic), सीमेंस (simens),  एचटीसी (htc) एलकाटेल (alkatel), एररिकसन (Ericsson), सोनी (sony), बाद में यह कंपनी मिलकर सोनी एरिक्सन (sony ericsson) के नाम से मोबाइल बनाती थी, मित्सुबिशी  (HTC) क्यूटी कीपैड में सर्वप्रथम अपनी सर्विसेज के साथ ब्लैकबेरी मार्केट में आई किसी समय पर काफी बूम पर थी, ब्लैकबेरी मोबाइल्स हैंडसेट को डाटा लीक एवं हाईजैक न करने वाला, सिक्योरिटी की दृष्टि से सेफ मोबाइल माना जाता था, ब्लैकबेरी (मोबाईल फोन की कंपनी) टेलीकॉम कंपनी (सर्विस प्रदान कंपनी) के साथ अपने अलग डाटा प्लान के साथ आई थी, जिनका ब्लैकबेरी मोबाइल होता था उन्हें ब्लैकबेरी सर्विसेज का मंथली प्लान अलग से लेना पड़ता था, जो कि आम कंपनी के टैरिफ प्लान से अलग होता था,

समय बदलता गया ज़रूरतें बदलती गई मोबाइल हैंडसेट में टेक्नोलॉजी की शुरुआत होती गई

सेठी ने बताया कि कीपैड मोबाइल फोन के साथ फिर सबसे पहले मोबाइल हैंडसेट कंपनियों ने डाटा ट्रांसफर करने के लिए इंफ्रारेड का फीचर्स लाए,
इसके माध्यम से फोन की फोन बुक एवं गैलरी की फोटोस एक मोबाइल से दूसरे मोबाइल से ट्रांसफर की जाती थी, इसके बाद फिर फास्ट डाटा ट्रांसफर की टेक्नोलॉजी सर्वप्रथम नोकिया मोबाइल ने अपने मॉडल नंबर 6600 में ब्लूटूथ के साथ लांच किया गया,

शुरुआती दौर में नोकिया ने रखा था गेम खेलने वाले बच्चों का भी ध्यान

मोबाइल हैंडसेट की दुनिया में यंग बच्चों को मोबाइल में गेम खेलना होता था, सर्वप्रथम गेमिंग मोबाइल नोकिया ने (इंगेज क्यू डी) के नाम से लॉन्च किया,

समय को बदलते देख म्यूजिक के शौकीन लोगों को भी खुश करना जरूरी था सोनी एरिकसन लाया म्यूजिकल फोन

वहीं कुछ म्यूजिक के शौकीन कस्टमर को देखते हुए सोनी एरिक्सन ने  म्यूजिकल फोन वॉकमैन सीरीज के नाम से लॉन्च की गई थी,

कर लो दुनिया मुठ्ठी में टेलीकॉम की बदली तस्वीर

सेठी ने बताया कि टेलीकॉम में एक बार बीच में एक दौर ऐसा भी आया था, जब की धीरूभाई अंबानी की कंपनी जो मुकेश अंबानी जी की थी, टेलीकॉम में सीडीएमए (cdma) टेक्नोलॉजी लेकर आई और टेलीकॉम की दुनिया में धूम मचा दिया, इन्होंने सीडीए में टेक्नोलॉजी के साथ अपने मोबाइल फोन भी लोगों को मात्र ₹500 में देना शुरू किया, और समय ही बदल दिया जो कभी सोच भी नहीं सकते थे कि हमारे पास मोबाइल होगा उन सभी लोगों को मोबाइल उपलब्ध कराने का काम रिलायंस कंपनी ने अपने टैरिफ प्लान में किया इनकमिंग कॉल एवं आउटगोइंग फ्री कर करोड़ों लोगों को यह सुविधा उपलब्ध कराई, इस समय पर जो सोच भी नहीं सकते थे उनके पास मोबाइल फोन आ गया था,

गूगल के एंड्राइड सॉफ्टवेयर ने टेलीकॉम की दुनिया ही बदल दी

एंड्रॉयड सॉफ्टवेयर के लॉन्च होते से एंड्राइड ने पूरे वर्ल्ड में अपने इस सॉफ्टवेयर के मोबाइल फोन की जबरदस्त डिमांड बना दी गई सुना जाता है, की सबसे पहले गूगल का सॉफ्टवेयर एंड्राइड ने नोकिया कंपनी को ही ऑफर दिया गया था, लेकिन उस समय नोकिया मोबाइल एवं उनके स्मार्टफोन सिंबियन सॉफ्टवेयर का मार्केट शेयर सबसे अधिक होता था, वह अपने सिंबियन (symbian) सॉफ्टवेयर पर इतना भरोसा करते थे, कि उन्हें लगता था कि उनके मोबाइल के सॉफ्टवेयर के आगे कोई भी किसी भी अन्य सॉफ्टवेयर जैसे एंड्राइड शायद नहीं टिक पाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ लेकिन लोगों की पहली पसंद बना मोबाइल हैंडसेट में एंड्रॉयड सोफ्टवेयर का फोन, धीरे-धीरे नोकिया का मार्केट शेयर कम होता गया,

गूगल का सॉफ्टवेयर एंड्राइड के आने के बाद मोबाइल इंडस्ट्रीज में कई कंपनियां आई और आया राम गया राम की तरह चली गई,

एंड्रॉयड के स्मार्टफोन के आते ही से इस वक्त वर्ल्ड की सबसे ज्यादा कंपनियां स्मार्टफोन बनाने के लिए बाजार में उतर गई कुछ हैंडसेट की कंपनियां साल दो से तीन साल में चले गए, कुछ प्लेयर ऐसे हैं जो आज तक भी लोगों के भरोसेमंद ब्रांड के रूप में बने हुए हैं,

मोबाइल के आज के इस आधुनिक इस युग में मोबाइल की कुछ कंपनियां है, तो कुछ आया राम, गया राम, हो गई

आज देखा जाता है तो मोबाइल की कुछ कंपनियां ही अपने हैंडसेट के द्वारा मार्केट में अपना मार्केट शेयर स्थापित कर पा रही है,
जैसा की सैमसंग, नोकिया, आईफोन, वनप्लस, वीवो, ओप्पो, रेडमी (mi),  रियलमी, मोटरोला, नथिंग, टेक्नो, लावा, इंफिनिक्स,  एवं अन्य और भी कुछ ही सीमित कम्पनी इस  व्यापार में बची है,

  कुछ मोबाइल हैंडसेट की कंपनियों का आज हिंदुस्तान में नॉमिनेशन ही नहीं रहा जैसा की ब्लैकबेरी, एचटीसी, सोनी एरिकसन, एच पी, आज इन्हें लोग भूल चुके है,

आज के युग में जितना ही उपयोगी मोबाइल फोन, उतना ही घातक भी

दीपक सेठी ने यह भी जानकारी दी कि शौक के तौर पर उनके पास 50 से ज्यादा मोबाइल्स पुराने मॉडल का कलेक्शन सम्भाल कर रखा है,

सेठी से आगे पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि यह एक बहुत बड़ा विषय है, अभी पर विषय पर हम (पार्ट 2) में पूर्ण रूप से इसका विश्लेषण कर आप तक सच्चाई पहुंचाने का प्रयास करेंगे,

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