आदिवासी दलित क्रांति सेना ने वन अधिकार कानून को लेकर प्रतिपक्ष के नेता उमंग सिंघार को सोपा ज्ञापन
1 min readसिमरिया: आदिवासी दलित क्रांति सेना के संयोजक केपी सिंह बुंदेला ने बताया कि 13 फरवरी को मध्य प्रदेश सरकार के प्रतिपक्ष के नेता उमंग सिंघार जी के आगमन पर सिमरिया रेस्ट हाउस में सैकड़ो आदिवासी- दलित के बीच ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन में कहा गया कि आदिवासी दलित क्रांति सामाजिक संस्था आदिवासियों के लिए उनके अधिकारों के प्रति लड़ता आ रहा है पवई विधानसभा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है जिनके हक के लिए लगभग 10-12 साल से संगठन संघर्ष कर रहा है।
ज्ञापन के माध्यम से कहा गया कि शाहनगर क्षेत्र के वन विभाग ने पगरी गांव के सात आदिवासी किसानों की फसल को जेसीबी मशीन से नष्ट कर दिया जिनके परिवार दाने-दाने के लिए फिर रहा है बना अधिकार कानून के तहत बनभूमि में आदिवासी काबिज थे संगठन द्वारा न्याय दिलाने हेतु धरना प्रदर्शन, चक्का जाम, रेंजर का पतला दहन कर मुख्यमंत्री, प्रशासन को कई ज्ञापन दिए गए पर आज तक कोई भी उचित कार्यवाही नहीं हुई है जिसकी जांच उच्चस्त्री टीम गठित कर जांच कराई जाए विधानसभा में रखी जाए।
दूसरी मांग थी कि पन्ना जिले में 4000 के लगभग दवा आवेदन पत्र प्रशासन द्वारा खारिज कर दिए गए हैं जिनकी जांच कर कर वन भूमि के पट्टे दिलाई जाए तीसरी मांग थी कि मांग अनुसार आज का विभाग के डिप्टी कमिश्नर पिछले समय में पन्ना जिले में आगमन हुआ था क्षेत्र की जांच की गई बना अधिकार कानून की धज्जियां कलेक्टर पन्ना द्वारा उड़ाई गई थी कमिश्नर ने कलेक्टर पन्ना को दोषी सिद्ध किया था दो सिद्ध हो जाने के बावजूद भी कमिश्नर के जांच रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है रिपोर्ट मुताबिक कलेक्टर पन्ना को आदेश कराई जाए। आदिवासी दलित क्रांति सेना ने उक्त बिंदुओं को आदिवासियों को न्याय दिलाने वास्ते प्रतिपक्ष के नेता उमंग सिंघार से मांग की गई है कि उक्त बिंदुओं को विधानसभा पटल में रखकर वन अधिकार कानून के तहत वन भूमि पट्टे दिलाने का कष्ट करें।
सैकड़ो आदिवासियों की बीच माननीय प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी दोषी व्यक्तियों को दंडित कराया जाएगा कार्यक्रम में आदिवासी दलित संगठन के जिंदाबाद के लगे नारे।

