Recent Posts

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

March 15, 2025

Udghosh Samay News

खबर जहां हम वहां

सतना में राष्ट्रीय कला उत्सव 2025: रंगमंच, साहित्य और संस्कृति का अद्वितीय संगम

1 min read
Spread the love



सतना, फरवरी 2025 – मध्यप्रदेश के सांस्कृतिक परिदृश्य में एक नया अध्याय जोड़ते हुए सतना में राष्ट्रीय कला उत्सव 2025 का भव्य आयोजन किया गया। इस उत्सव ने देशभर के रंगमंच प्रेमियों, कलाकारों, साहित्यकारों और संगीतज्ञों को एक मंच पर लाकर कला के विभिन्न रूपों का जश्न मनाया। आकार वेलफेयर सोसायटी और श्री कुलदीप सक्सेना चैरिटेबल ट्रस्ट, सतना के सहयोग से आयोजित इस उत्सव ने न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई।

राष्ट्रीय आवासीय अभिनय कार्यशाला: भविष्य के रंगमंच कलाकारों के लिए सुनहरा अवसर

इस कला महोत्सव का मुख्य आकर्षण 15 दिवसीय राष्ट्रीय आवासीय अभिनय कार्यशाला थी, जो 17 जनवरी से 31 जनवरी 2025 तक चली। इस कार्यशाला में देशभर से 50 से अधिक युवा रंगकर्मी शामिल हुए, जिन्हें भारत के प्रतिष्ठित रंगमंच प्रशिक्षकों और कलाकारों से प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिला।

प्रमुख प्रशिक्षक एवं विषयवस्तु:

संजय उपाध्याय (पूर्व निदेशक, मध्यप्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा) – संगीत और थिएटर पर विशेष प्रशिक्षण।

रोहित दोचानिया (हैदराबाद विश्वविद्यालय) – अभिनय की गहराइयों में उतरने की कला।

पूजा वेदविख्यात (नासिक) – कलरीपयत्तु और अन्य शारीरिक अभिव्यक्ति विधियाँ।

डॉ. अपराजिता पटेल – शास्त्रीय नृत्य और मंचीय अभिव्यक्ति।

सुदामा शरद – पटकथा लेखन और संवाद संप्रेषण।


कार्यशाला का समापन और प्रतिभागियों की प्रस्तुति

31 जनवरी 2025 को इस कार्यशाला का भव्य समापन हुआ, जिसमें प्रशिक्षुओं ने रंगमंच प्रदर्शन के माध्यम से अपने 15 दिनों की कड़ी मेहनत को प्रस्तुत किया। इस अवसर पर नाट्य मंचन, मोनोलॉग प्रस्तुतियाँ, और शारीरिक रंगमंच के प्रयोग किए गए, जो दर्शकों को बेहद प्रभावित कर गए।

कार्यशाला में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षुओं को के. के. राजन स्मृति अवार्ड और अन्य सम्मान प्रदान किए गए।

राष्ट्रीय कला उत्सव 2025 की प्रमुख झलकियाँ

पहला दिन (1 फरवरी 2025): उद्घाटन और सांस्कृतिक संध्या

शुभारंभ महापौर श्री योगेश ताम्रकार द्वारा रिबन काटकर किया गया।

मुख्य अतिथि सुनील सेनानी (VITS चेयरमैन) और विशिष्ट अतिथि अमित सिंह (संरक्षक, आकार वेलफेयर सोसायटी) ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।

बघेलखंड के जनजातीय लोकनृत्य, कथक नृत्य और भोजपुरी लोकसंगीत की शानदार प्रस्तुतियाँ हुईं।

मुंबई की 5 Senses प्रोडक्शन द्वारा मंचित नाटक “ऑगेबोरोस” ने दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ दिया।


दूसरा दिन (2 फरवरी 2025): साहित्य, नृत्य और रंगमंच का अनूठा संगम

कवि सम्मेलन में पद्मश्री बाबूलाल दाहिया, रविशंकर चतुर्वेदी जैसे प्रतिष्ठित कवियों की प्रभावशाली रचनाएँ।

भारतीय शास्त्रीय नृत्य और संगीत की अनूठी प्रस्तुतियाँ, जिसमें कोलकाता की कप्शा पुरोहित का भरतनाट्यम और पं. विनोद मिश्र का गायन प्रमुख आकर्षण रहे।

रंगमंच प्रस्तुति: “आधी हकीकत आधा फसाना” – सामाजिक यथार्थ पर आधारित यह नाटक दर्शकों को गहराई तक प्रभावित कर गया।


भविष्य की ओर एक कदम

राष्ट्रीय कला उत्सव 2025 ने यह सिद्ध किया कि सतना अब केवल धार्मिक नगरी ही नहीं, बल्कि कला और संस्कृति का भी एक प्रमुख केंद्र बन रहा है। इस आयोजन ने कला प्रेमियों, रंगमंच कलाकारों और युवा प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान किया, जो आने वाले वर्षों में इसे और भव्य और प्रभावशाली बनाने की दिशा में अग्रसर रहेगा।

सतना: कला और संस्कृति का नया केंद्र

इस महोत्सव का संकल्प है कि यह हर वर्ष और अधिक भव्य रूप में आयोजित होगा और सतना को भारत के प्रमुख सांस्कृतिक स्थलों में स्थापित करने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगा।

About The Author


Spread the love

المزيد من القصص

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!