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March 15, 2025

Udghosh Samay News

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नहर के घटिया निर्माण एवं सीपेज़ से किसान खेती विहीन, मचा हाहाकार!

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स्थानीय उपयंत्री पदस्थ होने के चलते मिल रहा भृस्टाचार को बढ़ावा!

मझगवां|ग्राम पिंडरा से लगा कुरी बांध इस कदर भृस्टाचार की भेंट चढ़ा हुआ है की आज हजारों स्थानीय किसान खेती विहीन हो चुके हैँ। आलम यह है की कुरी बांध से निकली हुई नहर का निर्माण जल संसाधन विभाग मझगवां की देख रेख मे इतना घटिया करवाया गया की महज एक वर्ष के भीतर ही नहर का कंक्रीट उखड़ गया एवं नहर से सीपेज़ की भयावह स्थिति किसानो के समुख आ गयी है।
किसान लगातार खेती विहीन हो रहे हैं लेकिन विभाग के जिम्मेदार इस मामले मे कुम्भकरनी नींद मे सोते हुए नजर आ रहे हैं.

नहर सफाई के नाम पर विभाग ने डकारे लाखों!

नहर की सफाई के सम्बन्ध मे जब हमने स्थानीय पीड़ित किसानो से बात की तो जानकारी मिली की विगत नवंबर 2024 मे जल संसाधन विभाग के टाइम कीपर के द्वारा 10 से 12 की संख्या मे मजदूरों को छोटी नहर एवं बड़ी नहर के क्षेत्र मे घुमाया गया और फोटो शूट करवाई गयी लेकिन किसी भी प्रकार की नहर की सफाई नहीं करवाई गयी जिससे यह स्पस्ट हैं की नहर की सफाई के नाम पर विभाग ने लाखों की राशि डकार लिया हैं.

स्थानीय उपयंत्री पदस्थ होने के चलते मिल रहा भृस्टाचार को बढ़ावा!

जल संसाधन विभाग मझगवां मे वर्षो से पदस्थ उपयंत्री प्रदीप पाण्डेय स्थानीय ग्राम पिंडरा के निवासी हैं और लगातार वर्षो से कुंडली मारे विभाग के मुखिया के तौर मे देख रेख कर रहे हैं जिससे यह साफ कहा जा सकता हैं की आज इस समूचे भृस्टाचार के जनक उपयंत्री प्रदीप पाण्डेय ही हैं एवं स्थानीय होने के चलते लोग इनके द्वारा किये गए भृस्टाचार को उजागर करने मे भयभीत होते हैं।
जानकारों के द्वारा हमें यह भी पता चलता हैँ की जल संसाधन विभाग मे पदस्थ टाइम कीपर रहस बिहारी मिश्रा जो की पिंडरा की सीमा से ही सटे ग्राम इटवा (उ.प्र) के निवासी हैं एवं इनकी धर्म पत्नी ग्राम इटवा की प्रधान हैं हमेसा ही अपनी जिम्मेदारी से नदारत रहते है एवं उपयंत्री प्रदीप पाण्डेय के खेतो की देखरेख करते देखे जाते है।
जानकर बताते हैँ की उपयंत्री प्रदीप पाण्डेय टाइम कीपर के रिश्तेदार हैँ एवं उपयंत्री के ही विशेष कृपा के चलते उनको बिना कर्तव्यनिष्ठ हुए ही सरकारी राशि का लाभ लगातार मिल रहा हैँ.

इनका कहना है-

नहर की सीपेज़ को दिखवाते हैं.
                  -प्रदीप पाण्डेय (SDO, जल संसाधन विभाग)

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